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Silver price today: चांदी की कीमत में बंपर तेजी! 50% उछाल ने तोड़ा सोने का रिकॉर्ड, जानें क्या और बढ़ेगी कीमत?

Silver price today: चांदी की कीमत में बंपर तेजी! 50% उछाल ने तोड़ा सोने का रिकॉर्ड, जानें क्या और बढ़ेगी कीमत?

ग्लोबल टेंशन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के लगातार टैरिफ फैसलों से सोना-चांदी की कीमतों में तेजी आई है। खासकर चांदी ने इस साल सोने से बेहतर रिटर्न दिया है। रुपये में इसकी कीमत 50% और डॉलर में 46% तक बढ़ गई है। निवेशकों की अनिश्चितता और करेंसी की कमजोरी से चांदी की चमक और बढ़ गई है।

Silver price today: दुनियाभर में बढ़ते तनाव और आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच सोने और चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी देखी जा रही है। खासतौर पर चांदी इस साल निवेशकों के लिए सोने से भी ज्यादा चमकदार साबित हुई है। रुपये में चांदी 50% और डॉलर में करीब 46% तक महंगी हुई है, जबकि सोना क्रमशः 40% और 37% बढ़ा है। इसका बड़ा कारण ट्रंप की टैरिफ नीतियां, रुपया का गिरना और निवेशकों का सुरक्षित विकल्प की तलाश करना माना जा रहा है।

सोने और चांदी में जबरदस्त तेजी

इस साल सोने ने भी मजबूत प्रदर्शन किया है। रुपये में देखें तो इसकी कीमत 40 फीसदी और डॉलर में करीब 37 फीसदी बढ़ी है। लेकिन चांदी ने 50 फीसदी की उछाल दर्ज करके सोने को पीछे छोड़ दिया है। डॉलर और रुपये में चांदी की कीमतों का अंतर रुपये की कमजोरी से और बढ़ा है। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 3 फीसदी टूटा है, जिससे चांदी के दाम और ऊपर चले गए हैं।

दुनिया इन दिनों लगातार तनाव और अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। कोविड-19 के बाद से ही कई देशों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह पटरी पर नहीं लौटी थी कि नए भू-राजनीतिक संकट खड़े हो गए। हालात और खराब तब हुए जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर अचानक भारी-भरकम टैरिफ लगाने शुरू कर दिए। इन फैसलों का असर पूरी दुनिया की इकोनॉमी पर दिख रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है।

भारतीय बाजार में असर

भारत में चांदी पहनने और सजाने का चलन पुराना है। यही वजह है कि मांग हमेशा बनी रहती है। कोविड के बाद अर्थव्यवस्था में आई मजबूती से उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति बढ़ी थी, जिससे सोने और चांदी की खरीद भी तेजी से बढ़ी। लेकिन अब ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और रुपये की कमजोरी ने इन धातुओं की कीमतें और ऊपर धकेल दी हैं।

ग्लोबल मार्केट का रुझान हमेशा यही रहा है कि जब अर्थव्यवस्था कमजोर होती है या करेंसी पर दबाव बढ़ता है तो निवेशक सोना और चांदी की ओर रुख करते हैं। इस समय भी यही हो रहा है। शेयर बाजार भले रिकॉर्ड स्तर पर हों लेकिन निवेशकों में चिंता बनी हुई है। यही वजह है कि सुरक्षित निवेश के तौर पर लोग चांदी और सोना खरीदने लगे हैं।

रिकॉर्ड रिटर्न दे रही है चांदी

चांदी इस साल रिटर्न के मामले में सोने से करीब 9 फीसदी आगे रही है। रुपये और डॉलर दोनों में इसका प्रदर्शन शानदार रहा है। डॉलर में चांदी की कीमत करीब 46 फीसदी बढ़ी है जबकि रुपये में यह बढ़त 50 फीसदी तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा हालात में चांदी का यह प्रदर्शन और भी मजबूत हो सकता है।

बढ़ती मांग और कमजोर रुपया

भारत में चांदी का इस्तेमाल सिर्फ गहनों और बर्तनों तक सीमित नहीं है। इसका बड़ा हिस्सा औद्योगिक मांग से जुड़ा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर सेक्टर में चांदी की खपत लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि घरेलू मांग भी कीमतों को ऊपर ले जाने में अहम भूमिका निभा रही है। दूसरी ओर, रुपया लगातार अपने ऑल-टाइम लो को तोड़ रहा है। रुपये की कमजोरी का सीधा असर चांदी के इंपोर्ट पर पड़ रहा है, जिससे दाम और चढ़ रहे हैं।

सोने से आगे क्यों निकल गई चांदी

सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है और आर्थिक संकट के समय इसकी मांग बढ़ जाती है। लेकिन इस बार चांदी ने ज्यादा बढ़त दर्ज की है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि चांदी न सिर्फ निवेश के लिए बल्कि औद्योगिक उत्पादन में भी अहम रोल निभाती है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की मांग बढ़ रही है, वैसे-वैसे चांदी की खपत और कीमतें भी बढ़ रही हैं।

बाजार में बनी रहेगी हलचल

ग्लोबल अनिश्चितता और अमेरिकी नीतियों के असर से आने वाले समय में भी सोना और चांदी चर्चा में रहेंगे। फिलहाल दोनों धातुओं में तेजी जारी है और निवेशकों का भरोसा इन पर बना हुआ है। चांदी ने इस साल के प्रदर्शन से साफ कर दिया है कि यह सिर्फ पारंपरिक निवेश ही नहीं बल्कि रिटर्न के मामले में सोने से भी आगे निकल सकती है।

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