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भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना: रेल मंत्री ने बताया पूरा कॉरिडोर का प्लान

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना: रेल मंत्री ने बताया पूरा कॉरिडोर का प्लान

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना तेज़ी से आगे बढ़ रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सूरत-बिलिमोरा खंड 2027 तक और मुंबई-अहमदाबाद पूरी लाइन 2029 तक चालू होगी। ट्रेन 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी और यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाओं वाला स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है।

First bullet train: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत स्टेशन का दौरा कर भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि 50 किलोमीटर लंबा सूरत-बिलिमोरा खंड 2027 तक शुरू होगा और पूरी मुंबई-अहमदाबाद लाइन 2029 तक चालू हो जाएगी। मुख्य लाइन 320 किमी प्रति घंटे की स्पीड के लिए डिज़ाइन की गई है, जबकि लूप लाइन 80 किमी प्रति घंटे चलेगी। स्टेशन पर यात्रियों के लिए वेटिंग लाउंज, शौचालय, रिटेल शॉप्स, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

सूरत-बिलिमोरा खंड की स्थिति

रेल मंत्री ने सूरत स्टेशन का दौरा किया, जहां ट्रैक बिछाने और पहला टर्नआउट लगाने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की प्रगति काफी संतोषजनक है। सूरत-बिलिमोरा खंड की लंबाई 50 किलोमीटर है और यह भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना का पहला चरण होगा। इस खंड के शुरू होने के बाद यात्रियों को हाई-स्पीड ट्रेन का अनुभव जल्दी मिल सकेगा।

पूरी लाइन का शेड्यूल

रेल मंत्री ने बताया कि 2027 में सूरत-बिलिमोरा खंड, 2028 में ठाणे-अहमदाबाद खंड और 2029 तक पूरी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन लाइन चालू हो जाएगी। मेन लाइन को 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है। वहीं लूप लाइन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी। सुरक्षा को लेकर प्रोजेक्ट में मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें वाइब्रेशन कम करने वाले सिस्टम और तेज हवाओं तथा भूकंप से बचाव के लिए विशेष इंतजाम शामिल हैं।

सूरत स्टेशन की तैयारियां

सूरत स्टेशन पर भारी निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। फिलहाल ट्रैक लिंकिंग, फिनिशिंग और यूटिलिटी का काम चल रहा है। पहला टर्नआउट, जो पटरियों को जोड़ने और अलग करने का काम करता है, नई तकनीक जैसे रोलर बेयरिंग और कम्पोजिट स्लीपर के साथ लगाया गया है। रेल मंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट कॉरिडोर के आसपास के शहरों की अर्थव्यवस्था को जोड़ेगा और क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने जापान में हाई-स्पीड रेल से हुए विकास का उदाहरण भी दिया।

स्टेशन की सुविधाएं

सूरत का बुलेट ट्रेन स्टेशन यात्रियों के लिए बेहद आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जा रहा है। स्टेशन में वेटिंग लाउंज, नर्सरी, शौचालय और रिटेल शॉप्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लिफ्ट और एस्केलेटर लगाई जा रही हैं ताकि सभी लोग आसानी से ऊपर-नीचे जा सकें। बुजुर्गों, दिव्यांगों और छोटे बच्चों वाले परिवारों के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। इसमें स्पेशल साइनबोर्ड, जानकारी देने वाले कियोस्क और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम शामिल हैं, ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

तकनीकी अपडेट

रेल मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट में तकनीकी पहलुओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है। हाई-स्पीड ट्रेन के संचालन के लिए ट्रैक, टर्नआउट और स्टेशनों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। सुरक्षा और आराम के लिए वाइब्रेशन कम करने वाले सिस्टम, भूकंप रोधी संरचना और तेज हवाओं के लिए सुरक्षा इंतजाम शामिल हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर मिले।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो में बताए गए चार और बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की योजना पर काम चल रहा है। आने वाले वर्षों में भारत में हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क का विस्तार होगा। मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के सफल संचालन के बाद अन्य राज्यों में भी बुलेट ट्रेन परियोजनाओं की शुरुआत की जाएगी।

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