EPFO ने चेतावनी दी है कि अगर PF निकासी नियमों के खिलाफ की जाती है, तो निकाली गई राशि ब्याज समेत वापस करनी होगी। समय से पहले निकासी केवल कुछ शर्तों जैसे बेरोजगारी, घर खरीदने, मेडिकल इमरजेंसी आदि के लिए मान्य है। गलत उपयोग पर तीन साल तक नई निकासी पर रोक भी लग सकती है।
EPF Rules: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने समय से पहले PF निकासी को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। नियमों के मुताबिक, सेवानिवृत्ति से पहले PF फंड केवल तय शर्तों जैसे बेरोजगारी, घर निर्माण या मेडिकल जरूरतों में ही निकाला जा सकता है। अगर सदस्य इस राशि का उपयोग बताए गए कारणों के अलावा कहीं और करते हैं, तो EPFO वसूली की कार्रवाई करेगा और ब्याज सहित रकम वापस लेगा। साथ ही, ऐसे मामलों में तीन साल तक नई निकासी पर रोक भी लग सकती है।
समय से पहले निकासी पर नजर
EPF खाते से समय से पहले निकासी को प्रीमैच्योर विड्रॉल कहा जाता है। इसका मतलब है सेवानिवृत्ति की उम्र से पहले पैसा एडवांस के रूप में निकाल लेना। यह निकासी आंशिक भी हो सकती है और पूरी भी। लेकिन इसके लिए तय नियम और शर्तें हैं। अगर कोई सदस्य ऐसे कारणों से निकासी करता है, जो EPF स्कीम 1952 में शामिल नहीं हैं, तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस स्थिति में EPFO के पास अधिकार है कि वह न केवल पैसा वापस मांगे बल्कि उस पर ब्याज और जुर्माना भी वसूले।
किन हालात में मान्य है निकासी
EPFO के नियमों के तहत सदस्य कुछ विशेष परिस्थितियों में ही समय से पहले निकासी कर सकते हैं। जैसे रिटायर होने पर पूरी निकासी की अनुमति है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार है, तो भी वह पैसा निकाल सकता है। आंशिक निकासी घर खरीदने, निर्माण, मरम्मत, बकाया लोन चुकाने और मेडिकल इमरजेंसी जैसी स्थितियों में मान्य है। इन मामलों में पात्रता और अधिकतम राशि की शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं।
नौकरी छोड़ने पर नियम
अगर कोई सदस्य नौकरी छोड़ देता है तो उसे पीएफ निकालने से पहले कम से कम दो महीने का इंतजार करना होगा। वहीं, अगर कोई खाता धारक पांच साल की सेवा पूरी करने से पहले पीएफ की पूरी राशि निकालता है, तो उस पर टैक्स और टीडीएस दोनों लगेंगे। यानी यह निकासी न केवल कमाई पर असर डालेगी बल्कि अतिरिक्त टैक्स का बोझ भी डाल सकती है।
गलत इस्तेमाल पर होगी वसूली
EPF स्कीम 1952 में यह साफ लिखा गया है कि अगर कोई सदस्य निकाली गई राशि को उस उद्देश्य के अलावा किसी और काम में लगाता है, जिसके लिए निकासी की गई थी, तो यह नियमों का उल्लंघन होगा। ऐसे मामलों में EPFO ब्याज समेत पूरी रकम वापस लेने का अधिकार रखता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई सदस्य कहता है कि उसे घर बनाने के लिए पैसा चाहिए और बाद में वह उस राशि को किसी निजी खर्च में इस्तेमाल कर लेता है, तो उसे यह रकम ब्याज समेत वापस करनी होगी।
निकासी पर रोक का प्रावधान
EPF स्कीम 1952 के नियम 68B(11) में साफ तौर पर कहा गया है कि जहां निकासी का गलत इस्तेमाल किया गया है, वहां सदस्य को अगले तीन साल तक कोई नई निकासी की मंजूरी नहीं मिलेगी। अगर तीन साल में वसूली पूरी नहीं होती, तो यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक पूरी रकम ब्याज समेत वापस नहीं हो जाती। इसका मतलब है कि नियम तोड़ने वाले सदस्यों पर कड़ा शिकंजा कसा जाएगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से मिलेगी सुविधा
EPFO ने हाल ही में यह सख्त कदम इसलिए उठाया है ताकि पीएफ की राशि का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। दरअसल, सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म EPFO 3.0 लॉन्च करने जा रही है। इस प्लेटफॉर्म से निकासी और अन्य सेवाएं और तेज तथा आसान हो जाएंगी। लेकिन इसके साथ ही संगठन ने यह भी साफ कर दिया है कि सदस्य को नियमों का पालन करना ही होगा।
क्यों जरूरी है नियमों का पालन
पीएफ की रकम कर्मचारियों की रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा के लिए होती है। अगर कोई सदस्य नियमों की अनदेखी करके इसे गलत तरीके से निकालता है तो वह न केवल भविष्य की सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि संगठन के सख्त कदमों का सामना भी करता है। यही वजह है कि EPFO ने सदस्यों को पहले ही चेतावनी दे दी है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी पर ब्याज समेत वसूली होगी और नई निकासी पर रोक भी लग सकती है।