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विजय की रैली में भगदड़! सुरक्षा चूक पर पहले ही हाईकोर्ट ने दिया था नोटिस, प्रशासन की जिम्मेदारी पर छिड़ी बहस

विजय की रैली में भगदड़! सुरक्षा चूक पर पहले ही हाईकोर्ट ने दिया था नोटिस, प्रशासन की जिम्मेदारी पर छिड़ी बहस

तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत और लगभग 100 घायल। भीड़ प्रबंधन में चूक, प्रशासन की तैयारी पर सवाल। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की।

Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और नेता विजय की राजनीतिक रैली में भगदड़ मचने से 39 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने राज्य और केंद्र सरकार को चिंता में डाल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।

रैली से पहले ही चेतावनी

हादसे से पहले मद्रास हाईकोर्ट ने सुरक्षा चूक को लेकर चेतावनी दी थी। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से सभी राजनीतिक रैलियों के लिए समान सुरक्षा मानक लागू करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने सवाल उठाया था कि अगर रैली में किसी की जान चली गई तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। करूर रैली में यही सवाल अब गंभीर रूप से उठ रहा है।

क्यों मची भगदड़

करूर रैली में हजारों लोग शामिल हुए थे। लोग विजय की एक झलक पाने के लिए सुबह से ही रैली स्थल पर जुट गए थे। कार्यक्रम शाम 7 बजे शुरू हुआ, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से जुटनी शुरू हो गई थी। बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

भीड़ की असंभावित संख्या और हादसा

प्रशासन के अनुसार, रैली में लगभग 10,000 लोगों के आने की संभावना थी, लेकिन मौके पर इससे कई गुना लोग पहुंचे। भीड़ का दबाव बढ़ने से कई लोग बेहोश हो गए। इस स्थिति में विजय ने अपना भाषण रोक दिया, लोगों को पानी पिलाया और एंबुलेंस की व्यवस्था की। बावजूद इसके भगदड़ इतनी तेज थी कि 39 लोगों की जान चली गई और लगभग 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए।

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