डिजिटल युग में नकली हेल्पलाइन नंबरों के जरिए साइबर ठगी तेजी से बढ़ रही है। ठग Google सर्च, सोशल मीडिया और ईमेल के माध्यम से लोगों को फंसाकर ओटीपी, बैंक डिटेल और यूपीआई पिन चुराते हैं। बैंकिंग, ई-कॉमर्स, रिचार्ज और ट्रैवल सेवाएं सबसे ज्यादा निशाने पर हैं। सावधानी और आधिकारिक चैनल ही सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
Helpline Scam Alert: डिजिटल युग में साइबर ठग नकली हेल्पलाइन नंबरों के जरिए लोगों के बैंक अकाउंट और संवेदनशील डेटा को निशाना बना रहे हैं। यह ठगी Google सर्च, सोशल मीडिया और ईमेल लिंक के माध्यम से होती है। हर दिन हजारों लोग इन नकली नंबरों के शिकार बनते हैं। बैंकिंग, यूपीआई, ई-कॉमर्स, मोबाइल रिचार्ज और ट्रैवल सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके पीछे अपराधियों का मकसद ओटीपी, कार्ड डिटेल और यूपीआई पिन चुराकर वित्तीय नुकसान करना है। जागरूक रहना और केवल आधिकारिक चैनलों का उपयोग करना ही सुरक्षा की कुंजी है।
साइबर ठगों का नया तरीका
आज के डिजिटल युग में लोग किसी भी समस्या का समाधान तुरंत फोन या इंटरनेट पर खोजते हैं। इसी आदत का फायदा उठाकर साइबर ठग नकली हेल्पलाइन नंबर डालकर लोगों को फंसाते हैं। जब कोई अनजाने में कॉल करता है, तो कॉल रिसीवर खुद को कस्टमर केयर एग्जिक्यूटिव बताकर ओटीपी, यूपीआई पिन, कार्ड डिटेल और बैंक अकाउंट की जानकारी मांग लेता है। कुछ मामलों में स्क्रीन-शेयरिंग ऐप इंस्टॉल करने को भी कहा जाता है। जैसे ही शिकार इन झांसे में आता है, मिनटों में उसका खाता खाली कर दिया जाता है।
ठगों की नई चाल और धोखाधड़ी के तरीके
अब साइबर अपराधी पेड ऐड्स के जरिए अपने नकली नंबर गूगल सर्च रिजल्ट में सबसे ऊपर दिखाते हैं। लोग इसे असली समझकर कॉल कर बैठते हैं। इसके अलावा, वे ईमेल या एसएमएस में नकली कस्टमर केयर लिंक भेजते हैं। लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है और सारे संवेदनशील डेटा ठगों के पास पहुंच जाते हैं।
कौन-कौन सी सेवाएं सबसे ज्यादा निशाने पर हैं
बैंक और यूपीआई सेवाओं के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म, मोबाइल और DTH रिचार्ज, ट्रैवल बुकिंग वेबसाइट्स और ई-वॉलेट ऐप्स भी ठगों के निशाने पर हैं। हर दिन हजारों लोग इन नकली हेल्पलाइन नंबरों के शिकार बनते हैं।
सुरक्षा के उपाय
ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप पर ही हेल्पलाइन नंबर खोजें। कभी भी ओटीपी, यूपीआई पिन या कार्ड डिटेल किसी के साथ साझा न करें। स्क्रीन-शेयरिंग ऐप केवल भरोसेमंद स्रोत से इंस्टॉल करें और अनजान लिंक या ईमेल पर क्लिक करने से बचें। किसी भी शक की स्थिति में तुरंत बैंक या साइबर हेल्पलाइन 1930 से संपर्क करें।
सरकारी और संस्थागत प्रयास
भारतीय साइबर सेल लगातार नकली हेल्पलाइन नंबर ब्लॉक करने में जुटी है। बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी ग्राहकों को जागरूक करने के लिए नोटिफिकेशन और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू कर दिया है। त्योहारी सीजन या किसी भी सामान्य दिन, साइबर ठग हर मौके का फायदा उठाने को तैयार रहते हैं।