भारत में ब्रेन ट्यूमर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि अधिकांश लोग इसके शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं या सामान्य सिरदर्द, थकावट या आंखों की कमजोरी मानकर टालते रहते हैं। यही कारण है कि जब तक ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है, वह एडवांस स्टेज में पहुंच चुका होता है और इलाज की प्रक्रिया अधिक जटिल हो जाती है।
ब्रेन ट्यूमर क्या है?
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में असामान्य रूप से वृद्धि होने की स्थिति है, जो एक गांठ या मास बनाकर मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा डाल सकती है। यह ट्यूमर बेनाइन (सौम्य) भी हो सकता है और मैलेज्नेंट (कैंसरस) भी। कभी-कभी शरीर के अन्य अंगों से शुरू हुआ कैंसर मस्तिष्क तक फैल जाता है, जिसे सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर या मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रमुख लक्षण जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है
1. लगातार सिरदर्द और समय के साथ बढ़ना
ब्रेन ट्यूमर का सबसे आम लेकिन अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला लक्षण है लगातार सिरदर्द। यह दर्द आम सिरदर्द से अलग होता है –
- सुबह के समय ज्यादा होता है
- झुकने, खांसने या छींकने पर तेज हो जाता है
- पेन किलर लेने पर भी राहत नहीं मिलती
- उल्टी के बाद सिरदर्द में थोड़ा आराम मिलता है
अगर सिरदर्द रोज़ाना होने लगे और उसमें ऊपर बताई गई विशेषताएं हों, तो यह सामान्य माइग्रेन नहीं बल्कि ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
2. दौरे या मिर्गी जैसा आना
डॉ. अजय चौधरी के अनुसार, ब्रेन ट्यूमर में मिर्गी जैसे दौरे आना एक आम लक्षण है। यह अचानक हो सकते हैं, भले ही व्यक्ति को पहले कभी मिर्गी की समस्या ना रही हो। अगर किसी कैंसर पीड़ित व्यक्ति को दौरे पड़ने लगें, तो तुरंत मस्तिष्क की जांच करानी चाहिए।
3. एक तरफ के अंगों में कमजोरी या सुन्नपन
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के जिस हिस्से को प्रभावित करता है, उसके अनुसार शरीर पर असर डालता है। उदाहरण के लिए, यदि दिमाग के दाहिने हिस्से में ट्यूमर है, तो शरीर के बाएं हिस्से में कमजोरी, सुन्नपन या यहां तक कि पैरालिसिस के लक्षण भी दिख सकते हैं।
4. धुंधली दृष्टि या अचानक दिखाई देना बंद होना
अगर ब्रेन ट्यूमर ऑक्सिपिटल लोब (vision से संबंधित क्षेत्र) को प्रभावित करता है तो नजर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे धुंधला दिखना, एक आंख से दिखना बंद होना या डबल विजन।
5. बोलने में कठिनाई या शब्दों को भूलना
कभी-कभी ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो भाषा से जुड़ा होता है। ऐसे में व्यक्ति को बोलने में कठिनाई हो सकती है, वह शब्दों को भूल सकता है या असमंजस की स्थिति में रह सकता है।
6. उल्टी और मतली, खासकर सुबह के समय
ट्यूमर मस्तिष्क में प्रेशर बनाता है जिससे मिचली और उल्टी हो सकती है। यदि रोज सुबह उठते ही उल्टी होती है और उल्टी के बाद सिरदर्द में राहत मिलती है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है।
कब कराएं जांच?
अगर उपरोक्त में से कोई भी लक्षण लगातार 1-2 सप्ताह तक नजर आ रहा हो, खासकर सिरदर्द के साथ उल्टी, दौरे, कमजोरी या नजर में बदलाव, तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरोसर्जन से संपर्क करें। MRI स्कैन और CT स्कैन से ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि की जा सकती है।
इलाज है संभव, अगर लक्षणों को समय रहते पहचाना जाए
ब्रेन ट्यूमर के इलाज के विकल्प इस पर निर्भर करते हैं कि ट्यूमर कहां स्थित है, उसका आकार क्या है और वह कैंसरस है या नहीं। इलाज में शामिल हैं:
- सर्जरी
- रेडियोथेरेपी
- कीमोथेरेपी
- टारगेटेड थेरेपी
आज मेडिकल साइंस इतनी विकसित हो चुकी है कि ब्रेन ट्यूमर का इलाज संभव है, बशर्ते उसे समय रहते पहचाना जाए।
ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर लेकिन समझने योग्य और समय रहते पहचाना जा सकने वाला रोग है। लोगों को चाहिए कि वे अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और सामान्य लगने वाले सिरदर्द या थकावट जैसे लक्षणों पर भी सजग रहें। खासकर जब ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें या दिन-ब-दिन बढ़ते जाएं।