जिला विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में जिला विकास अधिकारी के साथ अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शामिल किया गया है।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। जिले की समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की गई है। आरोपों में योजनाओं में सुविधा शुल्क लेने से लेकर छात्रावासों और विद्यालयों में अनियमितताओं तक कई बिंदु शामिल हैं।
डीएम ने किया जांच टीम का गठन
जिला विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने समाज कल्याण अधिकारी पर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति का गठन किया है। इस टीम में जिला विकास अधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को शामिल किया गया है। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वे 7 दिन के भीतर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपें।सीडीओ ने कहा है कि जांच प्रक्रिया पारदर्शी होगी और शिकायतकर्ता की उपस्थिति में सभी बिंदुओं की पड़ताल की जाएगी। साथ ही, संयुक्त आख्या और फोटो साक्ष्यों सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
शिकायतकर्ता का आरोप
पिपरी गुरुबक्शगंज निवासी विजय प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर समाज कल्याण अधिकारी पर भ्रष्टाचार के सात बिंदुओं में गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार:
- जयप्रकाश नारायण विद्यालय में सामान खरीद के लिए बार-बार एक ही फर्म को काम दिया गया, जो विभाग के बाबू मुकेश सिंह के रिश्तेदार की है।
- वृद्धावस्था पेंशन और पारिवारिक लाभ योजनाओं के लिए लाभार्थियों से कथित तौर पर सुविधा शुल्क लिया गया।
- निहास्था और जड़ावगंज की जमीनों पर फसलें उगवाकर पैसा निजी हित के लिए वसूला गया।
- तीन विद्यालयों की कैटरिंग का टेंडर बार-बार एक ही फर्म को दिया गया और भुगतान में 10% कमीशन लिया गया।
- छात्रावासों में दो साल के भीतर हुए कार्यों को बोगस बताते हुए आरोप लगाया गया कि कमीशन लेकर उनका भुगतान कर दिया गया।
- छात्रावास भोजन व्यवस्था में आदेशित दर ₹114 प्रति थाल की जगह केवल ₹75 खर्च कर बच्चों को कुपोषित भोजन दिया गया।
- शिकायतकर्ता ने अधिकारी के पूरे कार्यकाल की कार्यप्रणाली की व्यापक जांच की मांग की है।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि शिकायत किसने की है, लेकिन यह जानकारी है कि जांच के लिए समिति गठित की गई है। उनका कहना है कि जांच समिति के अधिकारी ही इस पर विस्तार से बता सकते हैं।