तिरुपति मंदिर के वार्षिक ब्रह्मोत्सवम में लाखों श्रद्धालु पहुंचे। हुंडी में भक्तों ने ₹25.12 करोड़ अर्पित किए। 5.8 लाख से अधिक लोगों ने दर्शन किए और 26 लाख को अन्नप्रसादम वितरित किया गया।
Tirumala Tirupati Temple: आंध्र प्रदेश स्थित तिरुमाला तिरुपति मंदिर (Tirumala Tirupati Temple) का वार्षिक ब्रह्मोत्सवम (Brahmotsavam) हर साल की तरह इस बार भी भक्तों की अपार आस्था और भक्ति का प्रतीक बना। नौ दिन तक चले इस भव्य आध्यात्मिक उत्सव में लाखों श्रद्धालु पहुंचे और भगवान वेंकटेश्वर (Lord Venkateswara) के दर्शन किए। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अध्यक्ष बीआर नायडू के अनुसार, 1 अक्टूबर तक हुंडी (Hundi – donation box) में भक्तों ने ₹25.12 करोड़ का चढ़ावा अर्पित किया। यह राशि भक्तों की गहरी आस्था और मंदिर की प्रतिष्ठा का स्पष्ट संकेत है।
श्रीवारु के दर्शन के लिए उमड़े 5.8 लाख श्रद्धालु
ब्रह्मोत्सवम के दौरान मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। बीआर नायडू ने बताया कि 1 अक्टूबर तक 5.8 लाख से अधिक भक्तों ने श्रीवारु (Lord Venkateswara) के दर्शन किए। तिरुमाला के अन्नमय्या भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि यह संख्या हर साल लगातार बढ़ रही है और यह मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है।
अन्नप्रसादम और लड्डुओं का वितरण
इस वर्ष ब्रह्मोत्सवम के दौरान विशाल स्तर पर अन्नप्रसादम (Annadanam – sacred food) की व्यवस्था की गई। मंदिर प्रशासन ने बताया कि आठ दिनों में लगभग 26 लाख भक्तों को अन्नप्रसादम परोसा गया। इसके अलावा 28 लाख से अधिक लड्डू (Laddu – sacred sweet) वितरित किए गए। यह लड्डू तिरुपति मंदिर की पहचान माने जाते हैं और भक्त इन्हें प्रसाद (Prasadam) के रूप में बड़ी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।
केशदान की परंपरा में शामिल हुए 2.4 लाख श्रद्धालु
ब्रह्मोत्सवम में एक और महत्वपूर्ण परंपरा है केशदान (Hair Offering)। इसमें भक्त अपने बाल भगवान को समर्पित करते हैं। इस बार लगभग 2.4 लाख श्रद्धालुओं ने केशदान की रस्म निभाई। यह परंपरा भक्तों की निष्ठा और समर्पण (devotion) को दर्शाती है और हर साल लाखों लोग इसमें हिस्सा लेते हैं।
सजावट में इस्तेमाल हुए 60 टन फूल
मंदिर प्रशासन ने ब्रह्मोत्सवम को और आकर्षक और भव्य बनाने के लिए विशेष सजावट की। बीआर नायडू ने जानकारी दी कि इस बार सजावट के लिए 60 टन फूलों का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा चार लाख कटे हुए फूल और 90,000 मौसमी फूल भी सजावट में शामिल किए गए। इससे पूरा परिसर रंग-बिरंगे फूलों से सजा और भक्तों को दिव्य अनुभव प्राप्त हुआ।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में शामिल हुए लगभग 7 हजार कलाकार
ब्रह्मोत्सवम सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक (cultural) दृष्टि से भी बेहद खास रहा। इस बार 28 राज्यों से 298 मंडलों के 6,976 कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। नृत्य, संगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों ने न केवल श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया बल्कि भारतीय संस्कृति (Indian culture) की विविधता और एकता को भी प्रदर्शित किया।
हुंडी चढ़ावे का महत्व
हुंडी यानी दान पेटी (donation box) में जमा राशि तिरुपति मंदिर की आस्था और समृद्धि का प्रतीक है। ₹25.12 करोड़ का चढ़ावा दर्शाता है कि भक्तों का विश्वास कितना गहरा है। यह राशि मंदिर के धार्मिक और सामाजिक कार्यों में उपयोग की जाती है। तिरुमाला तिरुपति मंदिर को दुनिया के सबसे अमीर और प्रतिष्ठित मंदिरों (richest temples) में गिना जाता है और यह हर साल अरबों रुपये का चढ़ावा प्राप्त करता है।