संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप ने वैश्विक निकाय की निष्क्रियता पर कड़ा हमला किया। उन्होंने यूरोप को चेतावनी दी और कहा कि हरित ऊर्जा और प्रवासन नीतियों में सुधार न करने पर देश असफल हो जाएगा।
UN: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर जोरदार बयान देकर सभी का ध्यान खींचा। अपने लगभग एक घंटे लंबे भाषण में ट्रंप ने वैश्विक निकाय की आलोचना की और उसे नाकारा संस्था कहा। साथ ही उन्होंने यूरोप को चेतावनी दी कि अगर उसने अपनी प्रवासन और हरित ऊर्जा (green energy) नीतियों में सुधार नहीं किया तो उसका विनाश हो सकता है।
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र पर साधा निशाना
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता को लेकर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महासभा केवल ‘‘खोखले शब्दों’’ से भरी हुई है और यह युद्धों और संघर्षों का समाधान करने में असफल रही है। ट्रंप ने सवाल उठाया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र का उद्देश्य क्या है? इसमें अपार संभावनाएं हैं। मैंने हमेशा यह कहा है कि इसमें बहुत बड़ी संभावनाएं हैं। लेकिन ये संभावनाएं पूरी तरह से उपयोग नहीं हो रही हैं।’’
हालांकि, ट्रंप ने बाद में यह आश्वासन भी दिया कि अमेरिका वैश्विक संस्था का पूरी तरह समर्थन करता है, बावजूद इसके कि उन्होंने पहले भी इसकी आलोचना की थी।
अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान
ट्रंप ने अपने भाषण में अमेरिका में अपने पहले कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों का बखान किया। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने तेल और प्राकृतिक गैस (oil and natural gas) की खुदाई को बढ़ावा दिया और अवैध आव्रजन (illegal immigration) पर कड़ी कार्रवाई की। ट्रंप ने संकेत दिया कि अन्य देशों को भी इसी राह पर चलना चाहिए।
यूरोप को चेतावनी
ट्रंप ने यूरोप के देशों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो देश उदार प्रवासन नीतियों (liberal immigration policies) और महंगी हरित ऊर्जा परियोजनाओं (expensive green energy projects) पर ध्यान दे रहे हैं, वे अपनी अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पहचान को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘अगर आप इस हरित ऊर्जा धोखाधड़ी से दूर नहीं हुए तो आपका देश असफल हो जाएगा। अगर आप उन लोगों को नहीं रोकेंगे जिन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा, और जिनसे आपका कोई मेल-जोल नहीं है, तो आपका देश बर्बाद हो जाएगा।’’
ट्रंप का वैश्विक दृष्टिकोण
ट्रंप ने अपने भाषण में वैश्विक नेताओं को यह संदेश भी दिया कि दुनिया को अपने देश की सुरक्षा और विकास के लिए सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक संस्थाएं और देशों ने अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया, तो पूरी दुनिया अनिश्चितता और संकट के दौर में प्रवेश कर सकती है।
ट्रंप ने इस अवसर का उपयोग अमेरिकी नीतियों और उपलब्धियों को वैश्विक मंच पर दिखाने के लिए किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ऊर्जा स्वतंत्रता, सुरक्षा और आर्थिक मजबूती के क्षेत्र में अहम कदम उठाए हैं। उनके अनुसार, अमेरिका की नीतियां अन्य देशों के लिए भी मार्गदर्शक साबित हो सकती हैं।