सीपी राधाकृष्णन दिल्ली पहुंचे, एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा नेताओं ने स्वागत किया। राधाकृष्णन ने पीएम मोदी से मुलाकात की। 21 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करेंगे।
delhi: एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनका स्वागत दिल्ली एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने गर्मजोशी से किया। राधाकृष्णन का काफिला पहले से तैयार था और उन्हें एयरपोर्ट से बाहर आते ही नेताओं और समर्थकों ने सम्मानपूर्वक रिसीव किया।
एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत
सीपी राधाकृष्णन के स्वागत में केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू, भूपेंद्र यादव और दिल्ली बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। स्वागत समारोह में नेताओं ने राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में एनडीए का प्रतिनिधित्व करने के लिए शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मौजूद नेताओं ने राधाकृष्णन की राजनीतिक और प्रशासनिक उपलब्धियों की सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी से हुई विशेष मुलाकात
दिल्ली पहुंचने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट की। इस मुलाकात में उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा हुई और प्रधानमंत्री ने उन्हें अपने आशीर्वाद एवं समर्थन की बात कही। राधाकृष्णन ने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
21 अगस्त को करेंगे नामांकन
सूत्रों के अनुसार, सीपी राधाकृष्णन 21 अगस्त को आधिकारिक तौर पर उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन करेंगे। NDA की ओर से यह कदम उस समय उठाया गया है जब जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। राधाकृष्णन का नाम NDA के सर्वसम्मति निर्णय से चुना गया है और उनके खिलाफ विपक्ष की ओर से अभी तक कोई औपचारिक उम्मीदवार घोषित नहीं हुआ है।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव
सीपी राधाकृष्णन ने तमिलनाडु की राजनीति और प्रशासन में चार दशक से अधिक अनुभव हासिल किया है। वे 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल बने थे। इससे पहले वे झारखंड के राज्यपाल रहे और इस दौरान राष्ट्रपति की ओर से तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला।
उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तिरुपुर, तमिलनाडु में हुआ था। राधाकृष्णन अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक करियर के कारण भारतीय राजनीति में एक अनुभवी और भरोसेमंद नेता माने जाते हैं। उनका चुनाव उपराष्ट्रपति पद के लिए राजनीतिक संतुलन और अनुभव के आधार पर किया गया है।