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यूपी सरकार का फैसला! स्कूल मर्जिंग पर लगा ब्रेक, छात्रों-शिक्षकों को मिली राहत

यूपी सरकार का फैसला! स्कूल मर्जिंग पर लगा ब्रेक, छात्रों-शिक्षकों को मिली राहत

उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि 50 से अधिक नामांकन वाले या 1 किमी से ज्यादा दूरी पर स्थित विद्यालयों का विलय नहीं होगा। शिक्षकों की नौकरियां सुरक्षित रहेंगी और स्कूलों में बाल वाटिका व पुस्तकालय खोले जाएंगे।

UP: उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकार ने एक बड़ा और स्पष्ट निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने साफ कर दिया है कि राज्य में अब ऐसे किसी भी विद्यालय का विलय नहीं किया जाएगा जिसमें 50 से अधिक छात्र नामांकित हैं। साथ ही, एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित विद्यालयों को भी एक साथ मर्ज नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आया स्पष्ट फैसला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में स्कूल विलय की प्रक्रिया को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे। उसी के अनुपालन में गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मीडिया से बातचीत कर पूरी नीति पर स्थिति स्पष्ट की।

50 से कम नामांकन वाले स्कूलों का हुआ विलय

संदीप सिंह ने बताया कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत 50 से कम नामांकन वाले 10,000 से अधिक विद्यालयों का अब तक विलय किया जा चुका है। इन स्कूलों को या तो निकट के स्कूलों में मर्ज कर दिया गया है या फिर उन्हें बाल वाटिका, पुस्तकालय या प्री-प्राइमरी शिक्षा केंद्र के रूप में उपयोग में लाया जाएगा।

बाल वाटिकाओं और पुस्तकालयों की होगी स्थापना

ऐसे स्कूलों में जहां बाल वाटिका स्थापित नहीं हो पा रही है, वहां पुस्तकालय खोले जाएंगे। इन पुस्तकालयों में बाल साहित्य, चित्र पुस्तकें, सामान्य ज्ञान और प्रेरणादायक कहानियों से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बच्चों को ज्ञानवर्धक वातावरण मिल सके।

स्कूल पेयरिंग पर चल रहा काम

राज्य में स्कूल पेयरिंग की प्रक्रिया भी चर्चा में है। प्रारंभिक चरण में 5000 विद्यालयों को पेयरिंग के लिए चुना गया था। संदीप सिंह ने बताया कि यह योजना अन्य राज्यों में भी लागू की गई है जैसे राजस्थान में 20,000 और मध्य प्रदेश में 36,000 स्कूलों को पेयर किया गया है। उत्तर प्रदेश में भी बच्चों और शिक्षकों की संख्या के संतुलन के आधार पर यह योजना लागू की जा रही है।

1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर पेयरिंग नहीं

शिक्षा मंत्री ने बताया कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित विद्यालयों को पेयर नहीं किया जाएगा। साथ ही छात्रों और शिक्षकों का अनुपात भी संतुलित रखा जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर 30 छात्रों पर एक शिक्षक की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

132886 स्कूल रहेंगे पूरी तरह से क्रियाशील

राज्य में कुल 132886 बेसिक स्कूल हैं, जिनमें से सभी पूरी तरह से सक्रिय रहेंगे। जहां संसाधनों या दूरी की समस्या है, वहां पेयरिंग की प्रक्रिया नहीं की जाएगी। इस कार्य को एक महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

शिक्षकों की नौकरियां सुरक्षित

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षक की नौकरी नहीं जाएगी। कोई भी पद समाप्त नहीं किया जाएगा। जिन स्कूलों का विलय हुआ है, वहां शिक्षकों को उनकी सहमति से दूसरे स्कूलों में समायोजित किया जा रहा है। अब तक 20,000 से अधिक शिक्षकों का समायोजन हो चुका है।

अभिभावकों की चिंता का समाधान

संदीप सिंह ने बताया कि इस प्रक्रिया में अभिभावकों की शिकायतों को भी गंभीरता से सुना जा रहा है। प्रत्येक जिले में शिक्षा विभाग उनकी समस्याओं के समाधान के लिए तैयार है। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि तब की शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई थी, जबकि वर्तमान सरकार शिक्षा में बदलाव लाने के लिए लगातार काम कर रही है।

"ऑपरेशन कायाकल्प" से स्कूलों का बदला रूप

मंत्री ने कहा कि "ऑपरेशन कायाकल्प" के तहत बेसिक स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया गया है। 2017 के बाद स्कूलों में पीने के पानी, शौचालय और बिल्डिंग जैसी सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ है। आज प्रदेश के 96 प्रतिशत स्कूलों में सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं।

27.53 लाख बच्चों का हुआ नामांकन

अब तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 27 लाख 53 हजार बच्चों का नामांकन हो चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चा शिक्षा के अधिकार के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाए।

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