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यूपी विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे से, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के अपमान का मुद्दा गरमाया

यूपी विधानसभा मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे से, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के अपमान का मुद्दा गरमाया

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे के बीच हुई, जहां नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गोरखपुर में अपने अपमान का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आरोप को खारिज किया और विपक्षी नेताओं के समर्थन में नारेबाजी के कारण सदन 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज तीखी बहस और हंगामे के बीच हुआ। समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गोरखपुर में वरासत गलियारे के मुद्दे पर जनता से मिलने के दौरान उनके साथ हुई अभद्रता का आरोप लगाते हुए सरकार से जांच कराने की मांग की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया। विपक्ष के समर्थन में नारेबाजी के बाद सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री योगी का जवाब और विपक्ष की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जो लोग विरोध कर रहे थे, वे भाजपा के नहीं बल्कि व्यापारियों के प्रतिनिधि थे। उन्होंने यह भी कहा कि पांडेय गोरखपुर अपने इरादे से नहीं बल्कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर गए थे। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने पुनः घटना की जांच की मांग की, जिसे संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने राजनीति से प्रेरित करार देते हुए खारिज कर दिया।

सदन में बढ़ा राजनीतिक तनाव

विपक्ष के समर्थन में नारेबाजी के बाद हंगामा बढ़ गया। सदन की कार्यवाही को नियंत्रित करने के लिए स्पीकर सतीश महाना ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। इस मामले ने मानसून सत्र की शुरुआत ही राजनीतिक विवादों से की, जिससे आगामी बैठकों में भी सियासी गर्माहट बनी रहने की संभावना जताई जा रही है।

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