इन दिनों साइबर अपराधी अपने नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने में जुटे हुए हैं, और इनमें से एक प्रमुख तरीका है बैंकिंग फ्रॉड। इसमें अपराधी खुद को बैंक का कस्टमर सपोर्ट अधिकारी बताकर लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए ये ठग आकर्षक प्रलोभन देते हैं। यदि आप भी इस तरह के धोखाधड़ी से बचना चाहते हैं, तो जानिए इन अपराधियों के तरीके और उनसे कैसे बचा जा सकता हैं।
बैंकिंग साइबर फ्रॉड का तरीका कैसे काम करता है?
कभी-कभी आपके पास एक फोन कॉल आती है, और जब आप फोन उठाते हैं तो सामने से कोई व्यक्ति बेहद सॉफ्ट और आकर्षक आवाज में कहता है कि वह आपके बैंक का कस्टमर रिलेशनशिप ऑफिसर है। वह आपकी बैंकिंग ट्रांजेक्शन और क्रेडिट कार्ड हिस्ट्री की तारीफ करने लगता है और फिर आपको बेहद आकर्षक ऑफर्स देने का दावा करता है, जैसे कम ब्याज दर पर पर्सनल लोन।
इसके बाद, वह आपको यह विश्वास दिलाने की कोशिश करता है कि बैंक की तरफ से विशेष ऑफर दिए जा रहे हैं, और इसके बदले वह आपसे आपके खाते की जानकारी, पिन नंबर और अन्य महत्वपूर्ण डिटेल्स मांगते हैं। अक्सर ये स्कैमर आपको यह पूछते हैं कि क्या आपने अपने केवाईसी (KYC) अपडेट किए हैं या नहीं, और फिर कहते हैं कि यदि आपने जल्द ही यह काम नहीं किया तो आपका खाता फ्रीज हो जाएगा।
बैंकिंग ऑफिसर और स्कैमर में अंतर कैसे करें?
असली बैंकिंग ऑफिसर कभी भी आपको फोन करके आपके अकाउंट से जुड़ी जानकारी नहीं मांगते। वे न तो कभी आपके कार्ड या खाता संबंधी डिटेल्स की जानकारी लेते हैं, और न ही किसी अन्य व्यक्तिगत जानकारी का अनुरोध करते हैं। इसके विपरीत, स्कैमर आपको बहलाने के लिए आपको यह भरोसा दिलाने की कोशिश करते हैं कि उनका प्रस्ताव बेहद आकर्षक है, जैसे "कम ब्याज पर लोन" या "केवाईसी अपडेट करो नहीं तो खाता फ्रीज हो जाएगा।"
यहां पर असली बैंकिंग ऑफिसर की एक महत्वपूर्ण पहचान यह है कि वे फोन कॉल के माध्यम से आपको कभी भी पिन नंबर, पासवर्ड या अन्य खाता संबंधित जानकारी नहीं मांगते। इसलिए अगर आपको किसी भी कॉल में यह मांगी जाए तो समझ जाइए कि यह एक ठगी का प्रयास हो सकता हैं।
स्कैमर्स का आपको फंसाने तरीका
साइबर अपराधी सबसे पहले आपको विश्वास में लेते हैं। वे आपको यह कहते हुए डराते हैं कि अगर आपने जल्दी अपने केवाईसी डिटेल्स अपडेट नहीं किए तो आपका खाता फ्रीज हो सकता है। इसके बाद वे आपको घबराहट में डालते हैं और जल्दी से अपनी जानकारी देने का दबाव बनाते हैं। वे इस प्रक्रिया को इतना सरल और सहज बनाकर प्रस्तुत करते हैं कि आपको यह महसूस होता है कि यह कोई सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया है। लेकिन असल में यह एक धोखाधड़ी का तरीका है, जिसमें अपराधी आपके खाते की जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं।
साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?
• अगर आप साइबर ठगी से बचना चाहते हैं तो कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए:
• कभी भी अनजान व्यक्ति से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी कॉल, मैसेज या ईमेल के जरिए अपने खाते की जानकारी, पिन नंबर, पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स आदि कभी भी साझा न करें।
• कॉलर की पहचान करें: किसी भी कॉल को उठाने से पहले यह जांचें कि कॉलर कौन है और वह कहां से बोल रहा है। बैंक से संबंधित कॉल्स हमेशा आधिकारिक नंबर से होती हैं, और यह हमेशा आपके पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी की मांग नहीं करेंगे।
• बैंक के आधिकारिक नंबर पर संपर्क करें: अगर आपको लगता है कि यह कोई धोखाधड़ी हो सकती है, तो तुरंत अपने बैंक के आधिकारिक नंबर पर कॉल करें और स्थिति की पुष्टि करें। किसी भी फोन कॉल पर आधारित निर्णय न लें।
• ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं: अगर कॉल में आपको कोई ऑफर दिया जा रहा हो, तो पहले उस ऑफर को बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक करें। यदि यह ऑफर वास्तविक है, तो आपको वहां पर इसकी जानकारी मिल जाएगी।
• मूलभूत सुरक्षा उपाय अपनाएं: अपने सभी खातों और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन्स के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें। साथ ही, 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें, जिससे आपका खाता और अधिक सुरक्षित रहेगा।
बैंकिंग साइबर फ्रॉड से सावधान रहें
बैंकिंग साइबर फ्रॉड अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। यह अपराधी अत्यधिक चालाकी से लोगों को फंसाते हैं। इसलिए हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए और किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या ईमेल से आने वाले लुभावने ऑफर्स से बचना चाहिए। अगर आपको कभी भी किसी बैंक से संबंधित जानकारी के बारे में संकोच हो तो तुरंत बैंक की हेल्पलाइन पर संपर्क करें और सत्यापन कर लें।
याद रखें, बैंक कभी भी फोन के माध्यम से आपकी व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगेगा। इसलिए, हमेशा सतर्क रहें और साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इन सावधानियों को अपनाएं।