लोकसभा चुनाव 2024: सपा ने दी कांग्रेस पार्टी को 17 सीटें, गठबंधन के विनर बने अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश में भातरीय गठबंधन (India Alliance) के दौरान इलेक्शन (Election) लड़ रहे सपा (Samajwadi Party) और कांग्रेस ने बुधवार (21 फरवरी) को गठबंध का एलान किया। जिसमें समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। 17 सीटों को लेकर कांग्रेस पहले से इलेक्शन लड़ने को तैयार है। इसके बावजूद, अखिलेश यादव ने कांग्रेस को जो 17 सीट दी है,उसके पीछे भी सपा ने अपनी हार-जीत को ध्यान में रखा है। माना गया है कि जो कांग्रेस 11 सीटों पर ही गठबंधन (Alliance) के लिए मन के भाव मन में ही दबा रही थी, वहीं जब कांग्रेस 17 सीटों पर तैयार हुई तो अखिलेश यादव ही अलायंस (Alliance) के ‘विजेता’ (Winner) कहे जा सकते हैं।
इतिहास : कांग्रेस को मिली 17 सीटें
subkuz.com को बताया गया कि कांग्रेस को वही सीटें ऑफर की हैं सपा (Samajwadi Party) ने जिनसे अब उनकी पार्टी में मायूसी छा गई। जानकारी के मुताबिक, सपा ने जो 17 सीटें दी उनमें 7 सीट ऐसी हैं जिन्हे समाजवादी पार्टी अपने शासन काल के 32 वर्षों के इतिहास में आज तक नहीं जीत पाई। और उनमें 7 सीट ऐसी हैं जहां सपा सिर्फ एक बार और 3 सीट पर केवल 2-2 बार जीत हासिल की है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन से कांग्रेस को मिली 17 सीटें
गठबंध के दौरान मिली 17 सीटों से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में रायबरेली, कानपूर नगर, सहारनपुर, अमेठी, फतेहपुर सीकरी झाँसी, अमरोहा, बांसगांव, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, महराजगंज, देवरिया, मथुरा, बारांबकी और सीतापुर आदि में इलेक्शन (Election) लड़ेगी। जिनको लेकर कांग्रेस पार्टी पहले से तैयार थी।
फिर से यूपी में सपा -कांग्रेस अलायंस
मिली जानकरी के अनुसार, 2017 इलेक्शन (Election) में यूपी की सत्ता समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) थी और इलेक्शन के समय सपा-कांग्रेस में गठबंधन हुआ था। बताया गया कि उस समय तो चुनाव प्रचार में गठबंधन ने नारा दिया था -'यूपी वालों को आपका ये साथ पसंद है' , उस वक्त दोनों पार्टियों के नेता एकजुट होकर जनता को सन्देश देते नजर आये थे। एक बार फिर इलेक्शन के समय दोनों पार्टियों के मध्य गठबंधन बना हैं।
सीटों को लेकर कांग्रेस पर उठे सवाल
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव की ऑफर की गई सीटों पर कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड भी ज्यादा अच्छा नहीं हैं, फिर भी कांग्रेस ने उनकी ऑफर मंजूरी स्वीकार की। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद कांग्रेस की ये मज़बूरी है या इस गठबंधन को निभाने की जिम्मेदारी। जिसने सब कुछ जानते हुए भी ये ऑफर मंजूर किया। बताया गया की कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन (Alliance) की पकड़ तो मजबूत कर ली है लेकिन जब इलेक्शन में उतरेगी, तो क्या इसे बचा पायेगी? ये बड़ा सवाल है।
हालातों को देखते हुए, कहा गया कि ऑफर में मिली 17 सीटों पर जब कांग्रेस लड़ेगी तो क्या उनका राजनीतिक इतिहास चेंज होगा या उनकी परिस्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा।