देश छोड़ने पर लगे प्रतिबंध का दायरा चीन ने और बढ़ाया, दायरे में विदेशी अधिकारी भी शामिल
सख्त कानून के मामले में और समय समय पर सख्त कानून लागू करने के मामले में चीन का नाम दुनियां में सबसे ज्यादा लिया जाता है, चाहे कोरोना के समय लिए गए सख्त लॉक डाउन के कानून हों या फिर कोई और कानून, चीन बड़ी सख्ती से इस तरह के कानून को लागु करता रहा है।
चाइना के सेफगार्ड डिफेंडर्स की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है की चीनी नागरिक के साथ साथ विदेशी नागरिक भी चीन के द्वारा बनाये गए देश छोड़ने के कानून के जाल में फंस गए हैं. वैसे इस तरह के कानून पहले भी रहें हैं और समय समय पर इनमे बदलाव होते रहें है। subkuz.com ने चाइना के इस कानून से पड़ने वाले असर खासकर विदेशियों को पड़ने वाले असर पर विश्लेषण किया है।
इस तरह के विश्लेषणों में यह साफ़ तौर देखा गया कि हाल के कुछ सालों में देश छोड़ने के प्रतिबंधों से संबंधित केस और अदालती मामलों में खाशा वृद्धि हुई है। इस वजह से ये भी देखा जा रहा है की विदेशी व्यापार लॉबी जो अबतक इस तरह के मामलों से खुद को उतना प्रभावित नहीं समझता था, वो भी अब इस तरह की स्थिति चिंता जता रही है।
अमेरिका और चाइना का टकराव
जग जाहिर है की इस समय, व्यापार, सुरक्षा, यूक्रेन वार, ताइवान और साऊथ चाइना समेत कई मुद्दों पर अमेरिका और चाइना के रिश्ते काफी तल्ख़ हैं, और तनाव अपने चरम पर है। दूसरी तरफ कोरोना महामारी के कारण काफी लॉक डाउन झेलने के बाद चाइना का बाजार भी विदेशी निवेश के लिए मुश्किलों का सामना कर रहा है, इस समय इस तरह देश छोड़ने को लेकर क़ानूनी मुश्किलों की खबर अमेरिका और चाइना के रिश्तों में और तल्खी ला सकती है।
हमारी जानकारी के अनुशार चाइना के सुप्रीम कोर्ट के डाटा के आधार पर 2016 से 2022 के बिच देश छोड़ने पर प्रतिबन्ध या यात्रा प्रतिबन्ध करीब करीब 8 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है। सुप्रीम कोर्ट के डाटाबेस के अनुसार देश छोड़ने से रोकने या यात्रा प्रतिबन्ध से जुड़े अधिकांश मामले आपराधिक नहीं बल्कि सिविल थे। सुप्रीम कोर्ट के डाटाबेस से ये भी पता चलता है की इन मामलों में किसी भी मामले में कोई विदेशी नागरिक शामिल नहीं था या किसी तरह की राजनीतिक या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के भी मुद्दे से जुड़ा नहीं था। अमेरिका या यूरोपीय संघ के देश भी यात्रा प्रतिबन्ध लगाते रहते हैं पर वहां इसके उलट उन संदिग्धों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए जाते हैं, जिन पर किसी तरह की राजनीतिक या फिर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे के से जुड़ा कोई मामला हो।
चाइना सख्त
चाइना की सेफगार्ड डिफेंडर्स की रिपोर्ट के अनुसार चाइना में शी जिनपिंग के 2012 में सत्ता संभालने के बाद से,चीन ने देश छोड़ने पर प्रतिबंध के लिए कानून में विस्तार किया है और कभी-कभी ये फैसला कानून से परे भी लिया गया है। चाइना में 2018 से इस साल में अब तक कम से कम पांच इस तरह के नए कानून या तो बनाएं गएँ हैं या फिर मौजूदा कानूनों में संशोधन किए गए है। चाइना में इस तरह के कुल लगभग 15 कानून अस्तित्व में हैं।
subkuz.com वर्ल्ड की पहली ऐसी हिंदी न्यूज़ पोर्टल है, जो एक साथ 151 शहरों में लोकल न्यूज़ प्रोवाइड करता है. आप जहाँ भी रहते हों अब आप हिंदी में अपने शहर के लोकल न्यूज़ के साथ साथ नेशनल और इंटरनेशनल न्यूज़ भी पढ़ सकते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक लोकल ख़बरें और महत्वपूर्ण आर्टिकल्स हिंदी में पहुंचे यही हमारा मकसद है. subkuz.com की पूरी टीम आप सभी पाठको से सहयोग की उम्मीद रखती है, कृपया subkuz.com को फैलाने में सहयोग करें