दीपावाली की तैयारियों के बीच महंगाई ने लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। बिसौली बाजार में सब्जियों के दाम 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं, जबकि खाद्य तेल और अन्य जरूरी सामानों की कीमतों में 30 से 35 प्रतिशत तक का उछाल देखा गया है। इससे गृहणियों के लिए रसोई का बजट संभालना मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने सरकार से महंगाई पर नियंत्रण पाने की अपील की है।
बिसौली: दीपावाली की खुशियों के बीच महंगाई ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। सब्जियों की कीमतों में 25 प्रतिशत और खाद्य तेल में 35 रुपये का इजाफा हुआ है, जिससे गृहणियों के लिए किचन संभालना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय लोगों ने महंगाई पर नियंत्रण की मांग की है। हालांकि, दालों के दामों में गिरावट देखने को मिली है, जो कुछ राहत का संकेत है।
अगले दस दिनों में और महंगाई की संभावना
दुकानदारों का मानना है कि अगले दस दिनों तक कीमतों में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। पिछले महीने के कई त्योहारों के चलते सब्जियों और खाद्य वस्तुओं की खपत में वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, तोरई की कीमत 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गई है।
लौकी अब 20 रुपये की बजाय 40 रुपये प्रति किलो बिक रही है। टिंडे की कीमत 60 रुपये से बढ़कर 100 रुपये प्रति किलो हो गई है। आलू की कीमत भी 25 रुपये से बढ़कर 30-35 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है।
घुइया अब 60 रुपये से बढ़कर 100 रुपये प्रति किलो हो गई है, जबकि शिमला की कीमतों ने तो आसमान छू लिया है, 160 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। टमाटर भी 40 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गया है।
खाद्य पदार्थों में भी महंगाई का प्रकोप
खाद्य पदार्थों की स्थिति भी चिंताजनक है। मखाने की कीमत पिछले महीने 800 रुपये थी, जो अब बढ़कर 1200 रुपये प्रति किलो हो गई है। खाद्य तेल की कीमत 120 रुपये से उछलकर 155 रुपये प्रति किलो हो गई है। वनस्पति घी की कीमत अब 120 रुपये की बजाय 145 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
चावल की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। गोला की कीमत में तेजी से वृद्धि देखी गई है; पिछले महीने इसका भाव 160 रुपये था, जो अब बढ़कर 250 रुपये प्रति किलो हो गया है।