डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुनिया भर में शोक की लहर है। रूस, फ्रांस, अमेरिका और मलेशिया समेत कई देशों के नेताओं ने दुख जताया। बाइडेन, पुतिन और इब्राहिम जैसे नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और योगदान सराहा।
Dr. Manmohan-singh-death: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में शोक की लहर है। रूस, फ्रांस, मालदीव समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने उनके निधन पर दुख जताया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स, अमेरिकी मीडिया संस्थान ब्लूमबर्ग और न्यूयॉर्क टाइम्स समेत विदेशी मीडिया ने मनमोहन सिंह के योगदान को सराहा।
जो बाइडेन का श्रद्धांजलि संदेश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी और व्हाइट हाउस के बयान में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आज के मजबूत रिश्ते उनके विजन के बिना संभव नहीं थे। बाइडेन ने उन्हें सच्चा देशभक्त और समर्पित लोकसेवक बताया।
विदेशी मीडिया की प्रतिक्रियाएं
1. फाइनेंशियल टाइम्स ने मनमोहन सिंह के कार्यकाल को कर्ज माफी, मनरेगा, और आरटीआई जैसे महत्वपूर्ण कदमों के लिए याद किया।
2. ब्लूमबर्ग ने उनकी कहानी को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि उन्होंने यह साबित किया कि शिक्षा और मेहनत से जीवन में सुधार हो सकता है।
3. न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि मनमोहन सिंह पहली बार सिख प्रधानमंत्री बने और उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत किया।
मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम का किस्सा
मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया और याद किया कि जब वह 1999 से 2004 तक जेल में बंद थे, तब मनमोहन सिंह ने उनके बच्चों के लिए छात्रवृत्ति की पेशकश की थी। उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी दया थी, लेकिन मैंने मलेशियाई सरकार के डर से इंकार कर दिया था।"
पुतिन, मैक्रों और अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएं
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मनमोहन सिंह को एक महान राजनेता बताया, जिन्होंने भारत के आर्थिक विकास के लिए वैश्विक मंचों पर अहम भूमिका निभाई।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "भारत ने एक महान व्यक्ति और फ्रांस ने अपना सच्चा मित्र खो दिया है।"
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें भारत-अमेरिका साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बताया।
अफगानिस्तान और मालदीव के नेताओं की शोक प्रतिक्रियाएं
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा, "भारत ने अपने सबसे शानदार पुत्रों में से एक खो दिया है।" वहीं, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने उन्हें एक दयालु पिता की तरह बताया, जो मालदीव के अच्छे मित्र थे।