Old Pension Scheme: उत्तराखंड में पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा, OPS को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी

Old Pension Scheme: उत्तराखंड में पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा, OPS को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी
Last Updated: 30 अगस्त 2024

उत्तराखंड में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) की बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने एक बड़ा अभियान चलाया। इस अभियान में बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए, जिन्होंने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए अपने विचार पोस्ट किए और अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया।

Pension Scheme: पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) बहाली के लिए राष्ट्रीय आंदोलन के तहत गुरुवार (29 अगस्त) को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अभियान ने बड़ी चर्चा बटोरी। इस अभियान के तहत सोशल मीडिया पर दिनभर पुरानी पेंशन बहाली की मांग ट्रेंड करती रही। उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में शिक्षक और कर्मचारी इस अभियान में शामिल हुए और उन्होंने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए जोरदार मांग की।

पुरानी पेंशन की मांग को लेकर चलाया अभियान

प्रदेश अध्यक्ष जीत मणि पैन्यूली ने बताया कि इस अभियान को लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों में काफी उत्साह देखा गया। सभी ने एकजुट होकर नए पेंशन सिस्टम (एनपीएस) का विरोध किया और एक स्वर में मांग की कि कर्मचारियों को सिर्फ और सिर्फ पुरानी पेंशन दी जाए। प्रदेश के सभी मुख्यालयों, निदेशालयों, विधानसभा, और सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह आंदोलन और भी मजबूत हुआ।

कर्मचारी काली पट्टी बांधकर करेंगे प्रदर्शन

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अब दो से छह सितंबर तक सभी कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इस प्रतीकात्मक विरोध के साथ, वे अपनी मांग को और अधिक मजबूती से उठाना चाहते हैं। इसके अलावा, कर्मचारी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन भी भेजेंगे, जो जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया जाएगा।

अभियान में प्रमुख नेता हुए शामिल

इस अभियान में प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, प्रांतीय अध्यक्ष महिला उर्मिला द्विवेदी, प्रांतीय प्रवक्ता सूर्य सिंह पंवार, प्रांतीय मीडिया प्रभारी मनोज अवस्थी, प्रांतीय कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, प्रचार-प्रसार सचिव हर्षवर्धन जमलोकी, अजीत सिंह चौहान, धीरेंद्र कुमार पाठक, नीरज नौटियाल, अनिल पंवार, मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा, और मंडल मंत्री देवेंद्र फर्स्वाण सहित कई प्रमुख नेता और सदस्य शामिल हुए। इन सभी ने मिलकर अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की।

क्या है पूरा मामला ?

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा का पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन गुरुवार को भी पूरे जोश के साथ जारी रहा। प्रदेशभर के सरकारी विभागों में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने जोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है और इसे बहाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से लाई गई यूपीएस स्कीम (UPS Scheme) पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है और इससे कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। मोर्चा के प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों से किसी भी तरह की कटौती नहीं की जाती थी, जबकि NPS और UPS जैसी योजनाओं में कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही है, जो अनुचित है। मोर्चा इस आंदोलन को जारी रखकर सरकार पर दबाव बना रहा है ताकि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जा सके।

पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन में यह भी उजागर किया गया कि UPS (New Pension Scheme) का लाभ 25 साल की नौकरी के बाद ही देने की बात की जा रही है। इस नीति से उत्तराखंड के हजारों कर्मचारी लाभ से वंचित रह जाएंगे, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में कर्मचारी 40 से 42 वर्ष की उम्र में ही नौकरी पाते हैं। इस उम्र में नौकरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए 25 साल की सेवा पूरी करना मुश्किल हो जाता है, जिससे वे यूपीएस का लाभ नहीं ले पाएंगे।

इस स्थिति को देखते हुए, आंदोलनकारी कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को हर हाल में अक्तूबर 2005 से पहले वाली पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कर्मचारियों का आंदोलन और भी तेज किया जाएगा, ताकि उनकी मांगों को अनदेखा किया जा सके।

 

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