Parliament Attack Remembrance: संसद हमले के शहीदों को याद करते हुए पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

Parliament Attack Remembrance: संसद हमले के शहीदों को याद करते हुए पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि
Last Updated: 13 दिसंबर 2024

13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले की बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। यह दिन देश के लिए एक यादगार और कृतज्ञता का दिन है, जब पांच आतंकियों ने भारत की संसद पर हमला किया था। हमले में कई बहादुर सुरक्षा कर्मियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस दिन को याद करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, "2001 के संसद हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उनका बलिदान हमारे देश को सदैव प्रेरित करता रहेगा। हम उनके साहस और समर्पण के लिए सदैव ऋणी रहेंगे।" पीएम मोदी ने शहीदों के परिवारों को भी याद किया और उन्हें सम्मानित किया।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का संदेश

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस दिन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। खरगे ने इस अवसर पर कहा, "अमर शहीदों को सादर श्रद्धांजलि। आज हमने संसद भवन पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए मां भारती के वीर जवानों को पुष्पांजलि अर्पित कर याद किया। आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।"

अरविंद केजरीवाल ने दी श्रद्धांजलि

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इस हमले में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए कहा, "आज का दिन हमें उन वीर शहीदों की याद दिलाता है, जिन्होंने संसद भवन पर आतंकी हमले के समय अपने प्राणों की आहुति देकर देश और हमारे लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा की। उन सभी वीर जवानों की अमर शहादत को कोटि-कोटि नमन।"

संसद हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मी

13 दिसंबर 2001 को संसद भवन परिसर में आतंकियों द्वारा किए गए हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवानों, संसद के सिक्योरिटी स्टाफ के दो जवानों, एक सीआईएसएफ के जवान और एक माली ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन शहीदों ने अपने साहस और वीरता से देश की रक्षा की और आतंकवादियों को विफल किया।

हमले के बाद की जांच से यह खुलासा हुआ कि आतंकियों का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद से था। दोनों संगठन पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे और आतंकवादियों को भारत में हमला करने के निर्देश दिए गए थे।

आतंकवादियों का सामना और सुरक्षा बलों की कार्रवाई

आतंकी हमले के दौरान आतंकियों के पास एके-47 राइफल, ग्रेनेड लॉन्चर और पिस्टल जैसे हथियार थे। उन्होंने संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए फर्जी स्टीकर का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने उन्हें मार गिराया। हमले के वक्त संसद परिसर में 100 से अधिक लोग मौजूद थे, जिनमें प्रमुख राजनीतिक नेता शामिल थे।

इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया था। भारत ने इस हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव डाला और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

संसद हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण पल है, जो हमें यह याद दिलाता है कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे जवानों ने अपनी जान दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मल्लिकार्जुन खरगे और अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर शहीदों की बहादुरी को सलाम किया और आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता को मजबूत करने का संदेश दिया।

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