Uttarakhand Cabinet Decision: धामी कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी मुहर, पंचबद्री व पंचकेदार World Heritage Site में होंगे शामिल

Uttarakhand Cabinet Decision: धामी कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी मुहर, पंचबद्री व पंचकेदार World Heritage Site में होंगे शामिल
Last Updated: 14 अगस्त 2024

उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम का जितना महत्व है, उतना ही पंचबद्री और पंच केदार का भी है। अब सरकार ने इन स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यूनेस्को की दिशानिर्देशों के अनुसार प्रारूप तैयार करने के लिए मुंबई के ANL एसोसिएट संस्थान का चयन किया गया है।

Dehradun: उत्तराखंड में बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम का जितना महत्व है, उतना ही पंचबद्री और पंच केदार का भी है। ये सभी बद्री-केदार धाम के महत्वपूर्ण भाग हैं। अब इन स्थलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर (World Heritage Site) की सूची में शामिल करने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार प्रारूप तैयार करने के लिए मुंबई के एएनएल एसोसिएट संस्थान का चयन किया गया है।

पंचबद्री में कौन कौन से स्थान है शामिल?

धामी कैबिनेट की बैठक में पर्यटन विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। पंचबद्री में श्री बदरी नारायण बदरीनाथ धाम, आदि बद्री, भविष्य बद्री, वृद्ध बद्री और योग ध्यान बद्री शामिल हैं। वहीं, पंचकेदारों में केदारनाथ धाम, रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर, तुंगनाथ और कल्पेश्वर महादेव शामिल हैं।

ये सभी मंदिर श्रद्धालुओं की गहरी आस्था के केंद्र हैं और साथ ही इनका पुरातात्विक महत्व भी है। अब सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहरों की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कंजर्वेशन आर्किटेक्ट पर्यटन विभाग को मिलेगी मदद

यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार, मुंबई के एएनएल एसोसिएट के कंजर्वेशन, आर्किटेक्ट पर्यटन विभाग को साइट का प्रारूप तैयार करने में सहायता प्रदान करेंगे। यह प्रारूप तैयार होने के बाद, इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, और उसके बाद केंद्र इसे यूनेस्को को प्रस्तुत करेगा।

यदि पंचबद्री और पंच केदार मंदिरों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाता है, तो इन मंदिरों के संरक्षण के लिए यूनेस्को से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इसके अलावा, यूनेस्को की हेरिटेज साइट में पंचबद्री और पंच केदार के बारे में पूरी जानकारी भी उपलब्ध होगी।

धामी कैबिनेट की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी

उत्तराखंड में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार अब इस दिशा में सुविधाओं को विकसित करने के लिए कदम उठा रही है। इस सिलसिले में, धामी कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में राज्य में पर्यटन विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन निर्णयों के तहत उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 को मंजूरी दी गई।

इसके तहत, राज्य में एक से पांच करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 33 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी सहित अन्य छूट प्रदान की जाएंगी।

महत्वपूर्ण है कि यह योजना केवल उत्तराखंड के निवासियों और यहाँ के उद्यमियों के लिए लागू होगी। इन उद्यमों में राज्य के स्थायी निवासियों को 70 प्रतिशत रोजगार प्रदान करना अनिवार्य होगा।

सरकार को उम्मीद है कि इस पहल से केवल पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में तेजी आएगी, बल्कि पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं के विकास के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन की समस्या को भी कम करने में मदद मिलेगी।

नगर निगमों को एक करने का फैसला

मंत्रिमंडल ने कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के साथ ही राज्य में नगर निगमों की कुल संख्या 11 हो जाएगी। इसके अलावा, उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को विधेयक के रूप में विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए है।

मंत्रिमंडल ने पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना को चर्चा के बाद स्वीकृति प्रदान कर दी। राज्य में पर्यटन नीति 2023-30 लागू है, जो पर्यटन क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करने पर केंद्रित है। इस नीति के तहत केवल पांच करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट ही स्वीकृत किए जाते हैं।

बेरोजगारों के लिए अलग योजना

हालांकि, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना पहले से मौजूद है, जिसमें एक करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन यह योजना केवल बेरोजगारों के लिए है। अब राज्य के निवासियों और स्थानीय उद्यमियों के लिए एक नई प्रोत्साहन योजना प्रस्तुत की गई है।

योजना को तीन श्रेणियों में बांटने के साथ-साथ 33 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, अन्य रियायतें भी उपलब्ध कराई गई हैं। जो प्रोजेक्ट योजना में स्वीकृत होगा, वह 10 वर्षों तक उसी में संचालित रहेगा। यदि कोई अपनी इकाई बेचता है, तो उसे राज्य के निवासी को ही बेचना होगा।

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