बांग्लादेश सरकार के कार्यवाह मोहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की खबरों को झूठा बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश इस्कॉन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा और भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई है।
Bangladesh: बांग्लादेश में जारी अशांति और हिंदुओं पर हमलों के बीच, अंतरिम सरकार के कार्यवाहक मोहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार शफीकुल आलम ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्ते बेहतर हो रहे हैं और भविष्य में यह और गहरे होंगे। शफीकुल आलम ने इस बात को नकारते हुए कहा कि बांग्लादेश ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं जताया है और यह अफवाहें पूरी तरह निराधार हैं।
शफीकुल आलम ने शेख हसीना पर की कड़ी टिप्पणी
शफीकुल आलम ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि शेख हसीना एक "सामूहिक हत्यारी" हैं और देश में सबसे क्रूर तानाशाही चला रही हैं। शफीकुल ने कहा कि उन्हें यह देखकर हैरानी हुई कि शेख हसीना को मीडिया से बातचीत करने की अनुमति दी गई है, जबकि उनके शासन में स्वतंत्रता पर लगातार अंकुश लगाया जा रहा है।
भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद
भारत के विदेश सचिव की आगामी यात्रा को लेकर शफीकुल आलम ने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ अपने रिश्तों को और बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने इस यात्रा को सकारात्मक कदम के रूप में देखा और कहा कि यह दोनों देशों के बीच आपसी हितों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। बांग्लादेश को उम्मीद है कि इस बैठक से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे और आने वाले महीनों में और सुधार देखने को मिलेगा।
इस्कॉन पर प्रतिबंध की अफवाह का खंडन
बांग्लादेश सरकार ने स्पष्ट किया कि इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। शफीकुल आलम ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि बांग्लादेश ने बार-बार इस बात को नकारा है और इस तरह के किसी भी कदम को उठाने का उनका इरादा नहीं है। वहीं, बांग्लादेश में हिंदू नेताओं पर हमलों को लेकर शफीकुल आलम ने चुप्पी साधी रखी और इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
हिंदू नेताओं और मंदिरों पर हमलों को लेकर सवाल
बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय दास की गिरफ्तारी और मंदिरों पर हो रहे हमलों के बीच, बांग्लादेश सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। हालांकि, शफीकुल आलम ने बांग्लादेश और भारत के रिश्तों को सुधारने की दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं।