भारत और अमेरिका के बीच हुए इस रक्षा सौदे के तहत भारत को अमेरिकी कंपनियों से MH-60R मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर और अन्य महत्वपूर्ण रक्षा उपकरण मिलेंगे। इस सौदे का मूल्य 1.17 अरब डॉलर के आसपास अनुमानित है। इन हेलीकॉप्टरों को भारतीय नौसेना के लिए खरीदा जाएगा।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का कार्यकाल अब कुछ ही हफ्तों में समाप्त होने वाला है, और उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम समय में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है। इस सौदे के तहत भारत को अमेरिकी कंपनियों से MH-60R मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर और अन्य अहम रक्षा उपकरण मिलेंगे, जो भारतीय सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। इस सौदे का अनुमानित मूल्य 1.17 अरब डॉलर हैं।
यह हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह समुद्री सुरक्षा, दुश्मन जहाजों का पीछा करने, अंडरवाटर वारफेयर, और अन्य महत्वपूर्ण मिशन के लिए उपयोगी होगा। बाइडन ने इस रक्षा सौदे की सूचना अमेरिका की कांग्रेस को भी दे दी है, जिससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा और भारत की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं में सुधार होगा।
भारत और अमेरिका के बीच हुआ महत्वपूर्ण सौदा
बाइडन प्रशासन द्वारा भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा सौदे को मंजूरी देने का फैसला उनके कार्यकाल के अंतिम दिनों में लिया गया है। यदि यह मंजूरी नहीं मिलती, तो नई अमेरिकी सरकार के गठन के बाद इस सौदे की मंजूरी में और देरी हो सकती थी। इस सौदे के तहत भारत को 30 मल्टीफंक्शनल इंफॉर्मेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (MFIDS) और जॉइंट टैक्टिकल रेडियो सिस्टम (JTRS) प्राप्त होंगे।
इन प्रणालियों में उन्नत डेटा ट्रांसफर तकनीक, बाहरी ईंधन टैंक, फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड (FLIR) सिस्टम, ऑपरेटर मशीन इंटरफेस और अतिरिक्त कंटेनर शामिल हैं। इसके अलावा, डिजाइन, निर्माण और परीक्षण में अमेरिका से सहायता भी मिलेगी। यह सौदा भारत की सैन्य क्षमता को मजबूत करेगा, विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं में। डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे, और इस सौदे की मंजूरी से भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।
भारत के रक्षा खेमे में जुड़ेंगे नए उपकरण
इस रक्षा सौदे के तहत, अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन और मिशन सिस्टम द्वारा भारत को आवश्यक रक्षा उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी। इन उपकरणों की बिक्री और तकनीकी सहायता के लिए अमेरिकी सरकार के 20 कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्ट कंपनियों के 25 प्रतिनिधि भारत दौरे पर जाएंगे। अमेरिकी सरकार की अधिसूचना के अनुसार, इस सौदे से भारत की रक्षा तैयारियों में मजबूती आएगी, जो कि अमेरिका के रणनीतिक सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका को और सुदृढ़ करेगा।