हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले नेताओं के दल बदलने का सिलसिला लगातार जारी है। अब भाजपा से टिकट न मिलने के कारण नाराज पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। कर्ण देव कांबोज करनाल के इंद्री विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने को लेकर असंतुष्ट थे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने कांग्रेस में शामिल कराया।
Haryana: भाजपा में टिकट वितरण से असंतुष्ट पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज ने अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होने की औपचारिकता निभाई। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी उपस्थित रहे। इस घटनाक्रम के चलते करनाल के इंद्री और यमुनानगर के रादौर जैसे क्षेत्रों में चुनावी समीकरण पर असर पड़ सकता है।
भाजपा में OBC मोर्चा के अध्यक्ष रहे थे कांबोज
हाल ही में त्यागपत्र देने के बाद से उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। कांबोज भाजपा में OBC मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर थे। अगर हम इंद्री क्षेत्र के चुनावी इतिहास पर नजर डालें, तो यहां की जनता बाहरी प्रत्याशियों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक उदार रही है। अब तक 13 चुनावों में इंद्री हलके से ऐसा ही जनादेश देखने को मिला है। यहां केवल पांच बार स्थानीय प्रत्याशी और आठ बार बाहरी प्रत्याशी जीत हासिल कर चुके हैं।
2005 में भी कांग्रेस ओर से की उम्मीदवारी
हालांकि, इस बार का दृश्य काफी दिलचस्प रहने की उम्मीद है। एक तरफ, भाजपा ने लगातार दूसरी बार निवर्तमान विधायक रामकुमार कश्यप को अपने अनुभवी उम्मीदवार के तौर पर टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने इंद्री क्षेत्र में राकेश कांबोज पर दांव लगाया है। राकेश कांबोज ने 2005 में भी कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। इसके बाद की बदलती परिस्थितियों में, उन्होंने अगले दो चुनाव हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर लड़े, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
2019 में निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में
2019 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग लेते हुए वह दूसरे स्थान पर आए थे। अब लगभग 19 वर्षों बाद, राकेश कांबोज फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। इसी बीच, भाजपा से अलग हुए पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज का कांग्रेस में शामिल होना, उनके और कांग्रेस के लिए राह को अपेक्षाकृत आसान बनाता नजर आ रहा है।
टिकट कटने पर जताई नाराजगी
पूर्व मंत्री कर्ण देव कांबोज भाजपा में टिकट कटने को लेकर नाराज थे। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ चर्चा करने के बाद इस्तीफा दिया। इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी उन्हें मनाने के लिए उनके घर गए। जब सीएम ने उनकी ओर हाथ बढ़ाया, तो पूर्व मंत्री ने हाथ नहीं मिलाया। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात के बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा होने लगी।
शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद कांबोज ने कहा कि वे राजनीति में सेवा के उद्देश्य से भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने खून-पसीने से पार्टी को सींचा, लेकिन पार्टी ने ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जिन पर कई आपराधिक मुकदमे हैं। कर्ण देव कांबोज 2014 में इंद्री से भाजपा विधायक बने और फिर कैबिनेट मंत्री बने। 2019 में उन्होंने रादौर से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।