सर्दियों में ओवरइटिंग से बचें, आयुर्वेद के अनुसार खाएं ये सुपरफूड्स और रहें एकदम फिट

सर्दियों में ओवरइटिंग से बचें, आयुर्वेद के अनुसार खाएं ये सुपरफूड्स और रहें एकदम फिट
Last Updated: 28 नवंबर 2024

आयुर्वेद में डाइट को सबसे प्रभावी औषधि माना गया है। सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म रखने और त्वचा की सूखापन से बचाने के लिए घी, सरसों का तेल और नारियल तेल का सेवन विशेष रूप से फायदेमंद है।

सर्दी का मौसम आते ही हमारे शरीर और मन पर इसका असर साफ दिखाई देने लगता है। इस ठंडे मौसम में सेहत को बनाए रखना एक चुनौती हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, हर ऋतु के अनुसार आहार और दिनचर्या में बदलाव जरूरी होता है। सर्दियों में पाचन अग्नि मजबूत होती है, जिससे शरीर बेहतर तरीके से पोषक तत्वों का अवशोषण करता है।

आयुर्वेद में आहार को सबसे प्रभावी औषधि माना गया है। इस मौसम में शरीर को गर्म रखने और सूखी त्वचा से बचने के लिए घी, सरसों का तेल और नारियल तेल का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। ये न केवल त्वचा की नमी बनाए रखते हैं, बल्कि विटामिन A, D, E और K के अवशोषण में भी मदद करते हैं। विटामिन D की कमी से डिप्रेशन और इम्यून सिस्टम की कमजोरी हो सकती है, इसलिए इसे सही मात्रा में लेना बेहद महत्वपूर्ण है।

सर्दियों में सेहतमंद रहने के आयुर्वेदिक उपाय

सर्दी का मौसम आते ही हमारे शरीर की जरूरतें बदल जाती हैं। ठंड के इस मौसम में शरीर को गर्म रखने, त्वचा को नमी बनाए रखने और इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए सही आहार और दिनचर्या का पालन करना बहुत जरूरी होता है।

सर्दियों में क्या खाएं?

मौसमी सब्जियां

सर्दियों में गाजर, शकरकंद, चुकंदर जैसी मौसमी सब्जियां बहुत फायदेमंद होती हैं। ये न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। गाजर में विटामिन A और बीटा कैरोटीन होता है, जो त्वचा को स्वस्थ रखता है और आंखों की रोशनी को भी बेहतर बनाता है। चुकंदर और शकरकंद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

साबुत अनाज

सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए साबुत अनाजों का सेवन बेहद फायदेमंद है। जौ, ओट्स और मक्का जैसे अनाज गर्म रखते हैं और ऊर्जा प्रदान करते हैं। इन अनाजों में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर में ऊर्जा का संचार करती है।

गर्म फूड

इस मौसम में हल्का और गर्म खाना खाने की सलाह दी जाती है। सूप, हर्बल चाय और हल्दी वाला दूध आपके शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देते हैं। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सर्दी-खांसी और जुकाम से बचने में मदद करते हैं।

सर्दियों में क्या न खाएं?

ठंडे जूस और स्मूदी

सर्दियों में ठंडे जूस, स्मूदी और कच्चे फूड से बचने की सलाह दी जाती है। ठंडे खाद्य पदार्थ शरीर को सुस्त बना सकते हैं और आपके शरीर में ऊर्जा की कमी कर सकते हैं। इससे पाचन प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, खासकर जब बाहर की ठंडी हवा शरीर में ठंडक पैदा कर रही हो।

कच्चा भोजन

कच्चे फल और सलाद सर्दियों में पचने में कठिन हो सकते हैं, क्योंकि इस मौसम में पाचन अग्नि कमजोर होती है। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी के मौसम में भारी और गर्म भोजन करना चाहिए, ताकि पाचन अग्नि को बल मिले और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकें।

मसालों और व्यायाम का महत्व

मसाले

सर्दियों में अदरक, हल्दी, दालचीनी, लौंग जैसे मसाले पाचन को बेहतर बनाने और शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं। अदरक और दालचीनी का सेवन इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है और सर्दी-खांसी से बचाव में मदद करता है। ये मसाले शरीर के अंदर से ठंडक को बाहर निकालने में सहायक होते हैं।

व्यायाम

हल्का व्यायाम इस मौसम में खास तौर पर जरूरी होता है। रोजाना हल्का व्यायाम, जैसे योग, प्राणायाम या हल्की-फुल्की दौड़, शरीर को ऊर्जावान बनाए रखते हैं और रक्त संचार को सुधारते हैं। इसके अलावा, गर्म तेल से मालिश करने से त्वचा मुलायम रहती है और रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।

फास्टिंग से बचें

आयुर्वेद के अनुसार, सर्दी में उपवास करने से शरीर में वात दोष बढ़ सकता है, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है और रोगों का खतरा बढ़ सकता है। सर्दी में पाचन अग्नि अधिक सक्रिय होती है, लेकिन उपवास से यह प्रभावित हो सकती है। अतः सर्दी में संतुलित और पौष्टिक आहार लेना सबसे अच्छा होता है।

सर्दी का मौसम शरीर के लिए अलग तरह की देखभाल की मांग करता है। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए विशेष आहार और दिनचर्या की आवश्यकता होती है। सही आहार, मसाले, व्यायाम और उचित देखभाल से आप इस मौसम में अपनी सेहत को बनाए रख सकते हैं और इस मौसम का पूरा आनंद ले सकते हैं। इन सरल आयुर्वेदिक सुझावों को अपनाकर आप सर्दियों में स्वस्थ और ऊर्जावान रह सकते हैं।

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