Jharkhand Weather News: झारखण्ड में इस दिन से जमकर बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने मानसून का जारी किया नया अपडेट, आंधी का अलर्ट किया जारी

Jharkhand Weather News: झारखण्ड में इस दिन से जमकर बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने मानसून का जारी किया नया अपडेट, आंधी का अलर्ट किया जारी
Last Updated: 08 जून 2024

झारखंड में मूसलाधार बारिश का इंतजार करने वाले लोगों के निराश करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल जून के महीने में  2 या 3 दिन ही छुटपुट बारिश होने का अनुमान है। लेकिन जुलाई की शुरुआत मूसलाधार बारिश से होगी।

रांची: राजधानी समेत राज्यभर  को अभी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं हैं। प्रदेश में लोगों को इस महीने भी हीटवेव का सामना करना पड़ेगा। शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। जबकि न्यूनतम तापमान 27.2  डिग्री दर्ज किया गया।पिछले साल 19 जून को मानसून झारखंड में सक्रिय हो गया था, वहीं इस साल तीन दिन पहले 15 से 16 जून तक पहुंचने की उम्मीद हैं।

मौसम विभाग ने बताया कि 11 से 13 जून तक प्री-मानसून वर्षा होने की संभावना है। राजधानी समेत राज्यभर में अब भी 80-85 प्रतिशत किसान खेती के लिए मानसून की बरसात पर निर्भर है। मौसम विज्ञानी अभिषेक कुमार आनंद ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल बहुत शानदार बरसात होने की संभावना है। जुलाई का महीना अच्छी वर्षा वर्षा वाला होगा। इसलिए किसान जुलाई महीन में ही बिचड़ा व रोपनी का काम शरू करेंगे।

पेड़ो की कटाई के कारण प्रचंड हुई गर्मी

मौसम विज्ञानी अभिषेक कुमार आनंद ने Subkuz.com के माध्यम से बताया कि शहर समेत आसपास के क्षेत्रों में विकास के नाम पर तेजी से पेड़ों की कटाई की जा रही है। पेड़ों का जीवन में कितना महत्व है इसे लोग नहीं समझ पा रहे है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई प्रचंड गर्मी का मुख्य कारण है। पहले की तुलना में इस साल रांची का वातावरण काफी ज्यादा बदल चुका है। वनों की कटाई के कारण रांची पहले जैसा नहीं रहा। इस साल में जितने पेड़ काटे गए है, उनका 50 प्रतिशत पेड़ भी शहर में नहीं लगाए गए। प्रचंड गर्मी को देखकर लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग होना होगा।

बारिश न होने से किसान हो रहे दुखी

देश में अधिकांश किसान आज भी खेती के लिए वर्षा पर ही निर्भर है। वहीं बादलों की मौजूदगी और हवा के बीच जनजीवन उमसभरी गर्मी से परेशान हो रहा है। वर्षा के इंतजार में जून माह का पहला पखवाड़ा भी सप्ताह हो गया और धान की फसलों के बीज भी नहीं डाले जा रहे है। ऐसे में किसान खेतों की बुवाई के लिए जोरदार बारिश का इंतजार कर रहे हैं। एक किसान ने बताया की वर्षा में विलंब होने के कारण इस वर्ष धान की खेती पिछड़ सकती हैं। किसान बीज बुवाई के लिए वर्षा का इंतजार कर रहे हैं।

 

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