सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणी करने पर बीजेपी नेता दिलीप घोष की बढ़ी मुश्किलें, बीजेपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज

सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणी करने पर बीजेपी नेता दिलीप घोष की बढ़ी मुश्किलें, बीजेपी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Last Updated: 01 अप्रैल 2024

चुनाव आयोग ने दिलीप घोष को ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणी करने पीछे कारण के लिए नोटिस जारी किया है। 29 मार्च तक उनको स्पष्टीकरण देना होगा।

Kolkata News: लोकसभा चुआव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल में बीजेपी के उम्मीदवार दिलीप घोष की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। उनक खिलाफ दुर्गापुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि यह घटनाक्रम बीजेपी नेता घोष द्वारा बुधवार (27 मार्च) को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने के कुछ घंटों बाद सामने आया है। दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने दिलीप घोष को उनकी टिप्पणियों के लिए कारण जानने के लिए नोटिस जारी किया है और 29 मार्च तक जवाब देने को कहा है।

टिप्पणी का वीडियो वायरल

subkuz.com को मिली जानकरी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बंगाल बीजेपी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष को तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है। जिसमें बीजेपी नेता दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, 'जब दीदी गोवा जाती हैं, तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में, वह कहती हैं कि मैं त्रिपुरा की बेटी हूं, पहले यह तय करें कि आपका पिता कौन है।तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने दिलीप घोष की इस टिप्पणी को लेकर निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।

आयोग ने दिलीप घोष के खिलाफ जारी किया नोटिस

बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग ने मेदिनापुर के लोकसभा सांसद दिलीप घोष को आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के बारे में संक्षिप्त में बताया। जिसमें कहा गया है कि जब भी कोई राजनीतिक पार्टी अन्य दलों की आलोचना करती है, तो यह उनके कार्यक्रम, नीति, पार्टी का पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रहेगी। किसी प्रत्याशी या पार्टी प्रमुख के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करना चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आएगा। बीजेपी ने भी ममता बनर्जी के खिलाफ दिलीप घोष की टिप्पणियों को गैर-क़ानूनी और आपत्तिजनक मानते हुए उन्हें नोटिस जारी किया और टिप्पणी करने के पीछे 29 मार्च तक स्पष्टीकरण मंगा हैI

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