Ayodhya में गरजे CM योगी; बोले- 'राम मंदिर के लिए सत्ता भी कुर्बान'

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या दौरे के दौरान एक बड़ा बयान दिया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। उन्होंने साफ कहा कि अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़े तो कोई समस्या नहीं होगी। 

अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया कि अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़े तो कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने अपनी तीन पीढ़ियों के राम जन्मभूमि संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि वे सत्ता के लिए नहीं, बल्कि रामलला के लिए काम कर रहे हैं। दीपोत्सव को अयोध्या का भव्य महोत्सव बताते हुए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने रामलला और हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया, जिसके बाद अयोध्या के संतों ने उनके बयान का समर्थन किया। 

हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं, बाद में मुख्यमंत्री। इस बयान से राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है, लेकिन अयोध्या के साधु-संतों और हिंदू संगठनों ने इसे पूरी तरह समर्थन दिया है।

तीन पीढ़ियों का राम मंदिर संघर्ष: CM योगी

अयोध्या के राज सदन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "हम सत्ता के लिए नहीं आए हैं। मेरी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया है। अगर राम मंदिर के लिए सत्ता भी छोड़नी पड़े, तो हमें कोई दिक्कत नहीं होगी।" उनका यह बयान भारतीय राजनीति में राम मंदिर के महत्व को दर्शाता है। 

योगी आदित्यनाथ ने बताया कि जब उन्होंने दीपोत्सव की शुरुआत की थी, तब इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां और चुनौतियां थीं। कई लोगों ने यह तक कहा था कि मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या जाना विवाद को जन्म देगा। लेकिन उन्होंने इन तमाम अटकलों को दरकिनार कर अयोध्या में दीपोत्सव को भव्य रूप दिया।

समाजवादी पार्टी पर अप्रत्यक्ष हमला

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में बिना नाम लिए समाजवादी पार्टी और उसके नेतृत्व पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक विशेष वर्ग ने अयोध्या के विकास कार्यों का हमेशा विरोध किया है। लेकिन अब अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है और यह सिर्फ एक आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का प्रतीक भी है।

अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन किए और हनुमानगढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने संतों और महंतों से मुलाकात कर अयोध्या के विकास कार्यों पर चर्चा की।

अयोध्या के संतों की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद अयोध्या के साधु-संतों ने उनकी सराहना की। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, "योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं, बाद में मुख्यमंत्री। उनका परिवार तीन पीढ़ियों से राम मंदिर के लिए समर्पित रहा है।" राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने कहा, "योगी आदित्यनाथ ने पिछले 10 वर्षों में जो कार्य किए हैं, वे ऐतिहासिक हैं। उत्तर प्रदेश की 27 करोड़ जनता के लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें ऐसा मुख्यमंत्री मिला है।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि वे राम मंदिर के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दे सकता है, लेकिन अयोध्या और राम मंदिर से जुड़े हिंदू संगठनों ने इसे पूरी तरह से समर्थन दिया है।

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