बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से भोजपुरी सुपर स्टार पवन सिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद काराकाट लोक सीट का समीकरण उथल-पुथल हो गया है. कल तक इस सीट पर द्विपक्षीय मुकाबला था, लेकिन अब यह मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा।
रोहतास: भोजपुरी सिनेमा स्टार पवन सिंह ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. वह इन दिनों राजनीति के कारण लगातार सुर्खियों में हैं. भारतीय जनता पार्टी के आसनसोल के टिकट लौटाने के बाद पावर स्टार अभिनेता ने बिहार के काराकाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, इस कारण इस सीट पर एक बार फिर से कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
पावर स्टार का कितना है क्रेज
पावर स्टार के नाम से प्रसिद्ध पवन सिंह की काराकाट इलाके में काफी ज्यादा पहचान है. खासकर भोजपुरी इलाके में रहने वाले युवाओं में उनका बाहत ज्यादा क्रेज है. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुमार कुशवाहा यहां से NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने जा रहे हैं। Subkuz.com के अनुसार पवन सिंह के चुनाव में खड़े होने की सुचना मिलने के बाद उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहां कि वह विज्ञान विषय के छात्र हैं, उनसे वाणिज्य और गणित का सवाल नहीं पूछा जाए।
उपेंद्र कुशवाहा का भी है दबदबा
जानकारी के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह कुशवाहा तथा उपेंद्र कुमार कुशवाहा ने यहां से विजय हासिल की है. इस सीट पर तीनों बार कुशवाहा जाति के नेता को ही दबदबा रहा है. लेकिन इस बार राजाराम सिंह और पवन सिंह के चुनाव मैदान में आने के बाद मुकबला टक्कर का हो गया है. पवन सिंह राजपूत समाज से विलोम करते हैं, इसलिए कुशवाहा जाति का वोट दो भाग में बंटने की उम्मीद है, साथ ही भोजपुरी स्टार पवन की फैन फॉलोइंग भी अच्छी कासी जो उनको अपनी जाति का वोट दिलवाने में कारगर साबित हो सकती है. जानकारी के मुताबिक महागठबंधन को अब तक यहां से केवल हार का ही सामना करना पड़ा हैं।
पवन सिंह के कारण बदला चुनावी समीकरण
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार काराकाट में 18 लाख 62 हजार 985 मतदाता अपने मतों का प्रयोग करेंगे. जातीय समीकरण की बात करें तो यह इलाका यादव और कुशवाहा दो भागों में बाँटा हुआ है. सवर्ण एवं मुस्लिम वोटर की संख्या भी बहुत ज्यादा है. अति पिछड़ा वर्ग में मल्लाह जाती के वोट राजनीतिक समीकरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
कुशवाहा तथा यादव तथा राजपूत जाति के वोटर यहां पर अपनी अपनी राजनीतिक को साबित कर रहे हैं. इस कारण केवल कुशवाहा समाज के लोग ही पिछले तीन लोकसभा चुनाव में यहां जीत दर्ज कर सांसद बने है. जानकारी के अनुसार काराकाट सीट पर आखरी चरण एवं सातवें चरण में मतदान होंगे। लेकिन यहां पर अभी से ही राजनीतिक लड़ाई तेज हो गई हैं।