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Delhi: सिब्बल ने धनखड़ के बयान पर किया तीखा प्रतिरोध, क्या है 'सुपर संसद' पर विवाद?

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तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बहस छेड़ी। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कोर्ट को 'सुपर संसद' कहा, सिब्बल ने विरोध किया।

New Delhi: तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब नई debate का कारण बन गया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को super parliament करार दिया, जिसे लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। सिब्बल का कहना था कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह का पालन करना चाहिए।

धनखड़ का बयान

उपराष्ट्रपति ने अपने बयान में कहा कि कुछ judges कानून बनाने का काम कर रहे हैं और super parliament के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए की। धनखड़ ने कहा, “कानून की व्याख्या करना सुप्रीम कोर्ट का अधिकार है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि इसे five-judge bench द्वारा किया जाए।”

कपिल सिब्बल की प्रतिक्रिया

कपिल सिब्बल ने धनखड़ के बयान पर तंज करते हुए कहा, "उन्हें यह समझना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह पर काम करना चाहिए। executive के दायित्व को वे नजरअंदाज नहीं कर सकते।" उन्होंने यह भी कहा कि यदि संसद किसी bill को पारित करती है, तो क्या राष्ट्रपति इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल सकते हैं?

जानें पूरा मामला

यह मामला तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा विधेयकों को मंजूरी न देने के फैसले से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया कि राज्यपाल को विधायिका के फैसलों को अनदेखा करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोई भी बिल लंबे समय तक रोका नहीं जा सकता।

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