बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 'सनातन हिंदू एकता' पदयात्रा का आज नौवां और अंतिम दिन है। इस यात्रा में शास्त्री जी के साथ हजारों भक्तों का जनसैलाब चल रहा है। आज यह यात्रा अपने निर्धारित समय से दो घंटे पहले सुबह करीब सात बजे ओरछा की ओर प्रस्थान करेगी। यात्रा का प्रमुख उद्देश्य हिंदू एकता और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है।
160 किलोमीटर की यात्रा में जुटे हजारों श्रद्धालु
धीरेंद्र शास्त्री की यह यात्रा 21 नवंबर को बागेश्वर धाम से शुरू हुई थी और यह 9 दिनों में 160 किलोमीटर का सफर तय करेगी। यात्रा के दौरान विभिन्न पड़ावों पर श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। अब यह यात्रा ओरछा के राजाराम मंदिर पहुंचेगी, जहां हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। यात्रा के अंतिम दिन यह भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण होगा।
यात्रा का मार्ग और पड़ाव
पदयात्रा का पहला पड़ाव कदारी था, जहां 15 किलोमीटर की दूरी तय की गई। दूसरे दिन यह यात्रा छतरपुर के पेप्टेक टाउन तक पहुंची, और फिर नौगांव, देवरी रेस्ट हाउस, मऊरानीपुर, घुघसी, निवाड़ी होते हुए अंत में ओरछा तिगैछा पहुंची। यात्रा के आखिरी पड़ाव में अब सभी श्रद्धालु ओरछा पहुंचने वाले हैं, जहां वे भगवान राम के दर्शन करेंगे और यात्रा का समापन होगा।
हिंदू एकता का संदेश
धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि यह यात्रा हिंदू समाज में जागरूकता फैलाने और एकता को मजबूत करने के उद्देश्य से निकाली गई है। उन्होंने कहा, “हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सड़क पर उतरने की जरूरत है। यह बजरंगबली के भक्तों की भक्ति का उबाल है, और हिंदू समाज का जागरण है। जब एकजुट होकर हिंदू धर्म के अनुयायी धर्म विरोधियों के खिलाफ उठ खड़े होंगे, तभी हमारे देश में हिंदुओं पर होने वाला अत्याचार बंद होगा।”
ओरछा में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ
आज यात्रा के दौरान जब यह श्रद्धालु ओरछा पहुंचेंगे, तो वे एक साथ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री और अन्य भक्त भगवान राम के दर्शन करेंगे। यात्रा के समापन पर बागेश्वर धाम लौटने से पहले श्रद्धालु एकत्रित होकर अपनी धार्मिक आस्था और एकता को पुनः प्रमाणित करेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री की पहल और हिंदू समाज का समर्थन
इस यात्रा का आयोजन भारतीय हिंदू समाज की एकता और जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया है। इसे लेकर देशभर से हजारों भक्तों ने समर्थन किया है। यह यात्रा हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार और हिंदू समाज की एकता को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।