हाथरस में हुए भगदड़ कांड के मामले में भोले बाबा आज लखनऊ में न्यायिक आयोग के समक्ष पेश हुए। उनके आगमन से पहले पुलिस ने पूरे जनपद के बाजार को बंद करवा दिया। भक्तों की भीड़ लगी हुई है, लेकिन कड़ी सुरक्षा के कारण किसी को भी उनके पास जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वे फॉर्च्यूनर गाड़ी से वहां पहुंचे।
Hathras: हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। इसी संदर्भ में आज नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा लखनऊ में न्यायिक आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होंने न्यायिक आयोग के द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर दिया। भोले बाबा जिस वाहन से पेश होने आए, उस वाहन पर बीजेपी का झंडा लगा हुआ था और उस पर विधायक लिखा हुआ था। इस गाड़ी पर विधानसभा का पास भी चस्पा था। भोले बाबा सफेद रंग की फॉर्च्यूनर UP32NA8788 गाड़ी में पहुंचे थे।
लखनऊ न्यायिक आयोग पहुंचे भोले बाबा
गाड़ी के मालिक विधायक बाबूराम पासवान बताए जा रहे हैं। यह गाड़ी दारुलशफा विधायक निवास के 17A पर रजिस्टर्ड है। बाबा के आगमन से पहले पुलिस ने पूरे जनपद में बाजार बंद करवा दिया। हालांकि, बाजार बंद करने को लेकर व्यापारियों में नाराजगी देखी गई।
सुबह से ही बाबा के भक्तों की बड़ी भीड़ इकट्ठा होने लगी थी। जैसे ही बाबा आए, भक्त उनके दर्शन के लिए आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन कड़ी सुरक्षा के कारण किसी को भी आसपास जाने नहीं दिया गया।
21 अक्टूबर को होगी सुनवाई
दो जुलाई को सूरजपाल (साकार विश्व हरि) के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान जाने के मामले में बुधवार को सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई। अलीगढ़ जेल से 10 आरोपितों को पेशी के लिए लाया गया। हाल ही में पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दायर की थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 तारीख को होगी।
क्या है हाथरस कांड?
यह हादसा सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में हुआ था। घटना के समय पोरा चौकी प्रभारी ब्रजेश पांडेय ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 105, 110, 126 (2), 223, और 238 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया था। इसमें 80 हजार लोगों की अनुमति प्राप्त करने और दो लाख से अधिक लोगों की भीड़ के उमड़ने, चरण रज लेने तथा दर्शन के लिए आई भीड़ को सेवादारों द्वारा रोकने, धक्का-मुक्की होने के कारण हादसा घटित होने और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया गया था।
मामले में 11 आरोपी गिरफ्तार
देवप्रकाश मधुकर सहित कुल 11 सेवादारों और आयोजकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद विवेचना अधिकारी और सीओ रामप्रवेश राय के प्रार्थनापत्र पर आरोपियों पर धारा 132/121 (1) बीएनएस और 7 सीएलए लागू की गई।
आरोपियों में से एक महिला मंजू देवी को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जबकि बाकी 10 आरोपी अलीगढ़ कारागार में बंद हैं। बुधवार को अलीगढ़ जेल से आरोपियों को पेशी के लिए यहां लाया गया। दोपहर के बाद आरोपियों की पेशी हुई, और पेशी के बाद सभी आरोपियों को वापस अलीगढ़ जिला जेल भेज दिया गया।