रूस ने अभी तक भारत को एस-400 की तीन यूनिट सौंप दी हैं। वहीं, अगले साल यानी 2025 में शेष दो यूनिटों को डिलीवर करने का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को वायुसेना के प्रमुख अमर प्रीत सिंह ने यह जानकारी दी। वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा कि एलएसी पर चीन तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है। इसके जवाब में भारत भी तेजी से निर्माण कार्य में लगा हुआ है।
Delhi: 30 सितंबर को वायुसेना प्रमुख बनने के बाद, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को मेक इन इंडिया के तहत स्वदेशी हथियारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए स्वदेशी हथियारों का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सिंह ने बताया कि भारतीय वायुसेना के पास 2047 तक देश में निर्मित पूरी इन्वेंट्री होनी चाहिए। वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि रूस से अब तक एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीन यूनिट्स प्राप्त हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगले साल बाकी दो यूनिट्स देने का वादा किया गया है।
बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है चीन
चीन सीमा पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है मीडिया से बातचीत के दौरान वायुसेना प्रमुख ने बताया कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, विशेष रूप से लद्दाख सेक्टर में। इसके जवाब में भारत भी अपनी सीमा पर बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने के प्रयास कर रहा है।
वायुसेना की कमान संभाली: वीआर चौधरी
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी और कुशल अधिकारी हैं, जिन्होंने 30 सितंबर 2024 को भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख के रूप में कमान संभाली। उन्होंने एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के सेवानिवृत्त होने के बाद यह जिम्मेदारी ली। सिंह के पास 5,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है।
उनका जन्म 27 अक्टूबर 1964 को हुआ था, और 1984 में उन्होंने भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में अपनी सेवा शुरू की। वायुसेना में उन्होंने विभिन्न प्रमुख पदों पर कार्य किया है और एयरफोर्स के उप प्रमुख का भी पद संभाल चुके हैं।