Sambhal Violence Update: संभल हिंसा के बाद अलर्ट, इलाके में 10 दिसंबर तक कर्फ्यू जैसा माहौल, सपा प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिली अनुमति

Sambhal Violence Update: संभल हिंसा के बाद अलर्ट, इलाके में 10 दिसंबर तक कर्फ्यू जैसा माहौल, सपा प्रतिनिधिमंडल को नहीं मिली अनुमति
Last Updated: 1 दिन पहले

यूपी के संभल में बाहरी व्यक्तियों की आवाजाही पर प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। डीएम ने 1 से 10 दिसंबर तक बिना अनुमति बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।

Sambhal Violence: शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद अब संभल जिले में इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। बीते 24 नवंबर को हुई हिंसा के चलते तहसील क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं निलंबित थीं, जिन्हें शुक्रवार शाम फिर शुरू किया गया। इससे स्थानीय निवासियों को राहत मिली है और जनजीवन सामान्य होता दिख रहा है।

बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध

संभल प्रशासन ने जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। डीएम के आदेशानुसार, किसी भी राजनीतिक प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों या अन्य बाहरी व्यक्तियों को बिना अनुमति के जिले में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। इससे पहले, सपा प्रतिनिधिमंडल और सांसद चंद्रशेखर आजाद को जिले में प्रवेश से रोका गया था।

सपा प्रतिनिधिमंडल को संभल पहुंचने से रोका गया

शनिवार को सपा प्रतिनिधिमंडल संभल पहुंचने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें मुरादाबाद में रोक लिया। प्रतिनिधिमंडल में कई विधायक और जिलाध्यक्ष शामिल थे। प्रशासन किसी भी विवाद की स्थिति से बचने के लिए सख्त है और जिले की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

पुलिस का कड़ा चेकिंग अभियान

शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर विवाद के बाद, अब संभल का माहौल सामान्य हो रहा है। लोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए घरों से बाहर निकलने लगे हैं और बाजार भी खुलने लगे हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है।

संभल जिले की सीमाओं पर पुलिस ने सख्त चेकिंग अभियान शुरू कर रखा है। किसी भी असामाजिक तत्व या विवाद की स्थिति से बचने के लिए प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। बिना अनुमति जिले में आने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

प्रशासन की प्राथमिकता

संभल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई और जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। हिंसा के बाद जिले में सामान्य स्थिति बहाल करना प्रशासन के लिए प्राथमिकता बनी हुई है।

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