उत्तर प्रदेश में एक ऐतिहासिक घटना घटी है, जहाँ पति-पत्नी एक साथ प्रमोट होकर आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी बने हैं। यह राज्य में पहली बार हुआ है जब कोई दंपति एक ही सेवा में एक ही प्रमोशन के जरिए आईपीएस बनने का गौरव प्राप्त कर रहा है।
प्रमोशन की प्रक्रिया
योगी सरकार ने हाल ही में 24 पीपीएस (प्रांतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों का प्रमोशन किया है। यह प्रमोशन उन अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा कर रहे थे।
इस प्रमोशन की बैठक में राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी (पुलिस महानिदेशक), और संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान सभी अधिकारियों की सेवा के रिकॉर्ड, प्रदर्शन और उनके द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की गई। इसके बाद अधिकारियों की योग्यता के आधार पर प्रमोशन की स्वीकृति दी गई।
प्रमोट होने वाले दंपति
इस दंपति में चिरंजीव नाथ सिन्हा और उनकी पत्नी रश्मि रानी शामिल हैं। चिरंजीव नाथ सिन्हा बाराबंकी में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी पत्नी रश्मि रानी अतिरिक्त एसपी के पद पर कार्यरत हैं। यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है कि उन्होंने एक साथ प्रमोशन प्राप्त किया और अब वे आईपीएस बन गए हैं।
यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह उन सभी दंपतियों के लिए प्रेरणा भी है जो अपने करियर में उच्चतम लक्ष्यों को प्राप्त करने का सपना देख रहे हैं।
1995-96 बैच के अधिकारी बने आईपीएस
1995-1996 बैच के अधिकारियों की DPC बैठक संपन्न हो चुकी है। जिन अधिकारियों को प्रमोशन प्राप्त हुआ है, उनमें शामिल हैं: बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, और रश्मि रानी।
अनिल कुमार यादव, संजय कुमार, शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मी निवास मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा, विश्वजीत श्रीवास्तव, मनोज कुमार अवस्थी, अमृता मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवराम यादव, अशोक कुमार और दीपेंद्र नाथ चौधरी शामिल हैं।
एक PPS अधिकारी को नहीं मिली प्रमोशन
हालांकि, सभी अधिकारियों को प्रमोशन नहीं मिला। 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव की प्रमोशन प्रक्रिया इस समय लंबित है। उनकी जांच अभी भी चल रही है, जिसके कारण उनका प्रमोशन लम्बित है।
जब उनकी जांच पूरी होगी, तब उन्हें भी प्रमोशन दिया जाएगा। यह स्थिति उनके लिए चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि प्रमोशन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियमों का पालन किया जा रहा है।