सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि किसानों के साथ सरकार उचित व्यवहार करे। आंदोलनकारी किसान नेता जिन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, उन पर सरकार विचार -विमर्श करे। आंदोलनकारी किसान दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाहते हैं, उन्हें दिल्ली जाने और प्रदर्शन करने से रोका न जाए।
किसान आंदोलन: किसान आन्दोलन को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई लंबित होने कारण सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर सुनवाई से इनकार किया है। इस याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने आज सोमवार (4 मार्च) को सुनवाई की।
याचिका में लगाई गुहार
दरअसल, दायर याचिका में किसानों की ओर से गुहार लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश दे ताकि, किसान नेता जिन मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं, उन पर सरकार गहनता से विचार करे और उनके साथ उचित व्यवहार करे। बताया गया कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। उनका ये अधिकार भी है, तो उन्हें दिल्ली जाने की परमिशन दी जाये और उनको प्रदर्शन करने से रोका न जाये।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
मिली जानकारी के अनुसार, याचिका में आगे कहा गया कि,'स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने बीच रास्ते में अवरोध किया हुआ है। उनसे आम जनता को भी परेशानी हो रही है। लिहाजा सारी रुकवाते या अवरोध हटाएं जाएं। आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस बल का प्रयोग और कार्रवाई में हुए घायल और मारे गए किसानों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए। ', इसके बाद कोर्ट के कठोर रुख को देखते हुए याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की गुहार की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि ये गंभीर मामला है। केवल मिडिया रिपोर्ट के आधार पर याचिका दाखिल नहीं की जा सकती। अभी इस मामले की हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। ये एक पेचीदा मामला है प्रचार के लिए इस तरह की याचिका दाखिल करना उचित नहीं है।