ज्ञानवापी मामले पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज की, अब व्यासजी तहखाने में जारी रहेगी पूजा

ज्ञानवापी मामले पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज की, अब व्यासजी तहखाने में जारी रहेगी पूजा
Last Updated: 27 फरवरी 2024

ज्ञानवापी मामले पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज की, अब व्यासजी तहखाने में जारी रहेगी पूजा 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी व्यास जी तहखाने में हिन्दू पक्ष के पूजा करने के अधिकार को बरकरार रखते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिए। HC ने वाराणसी जिला जस्टिस के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर अपना फैसला सुनाया।

यूपी, प्रयागराज: ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा की इजाजत देने के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आज सोमवार (26 फरवरी) फैसला सुनाया। इस मामले में मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद HC से बड़ा झटका लगा है। इस मामले के विरोध में मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में दो अपील दायर की थीं। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दोनों याचिका खारिज करते हुए व्यास जी के तहखाने में पूजा (Worship Continue in Vyas Ji Basement) जारी रखने का आदेश दिया है। बताया गया कि इससे पहले यूपी के वाराणसी जिला अदालत ने भी इस मामले में हिन्दुओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट पहुंचा था। जहां इलाहाबाद HC के जज रोहित रंजन अग्रवाल के फैसले से निराश ही लौटना पड़ा।

 हाई कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की मांग

मिली जानकारी के अनुसार, मुस्लिम पक्ष ने अदालत में दावा किया कि डीएम (DM) को वाराणसी कोर्ट ने रिसीवर नियुक्त किया है, जो पहले से काशी विश्वनाथ मंदिर के सदस्य हैं। इसलिए उनको नियुक्त नहीं किया जा सकता। मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि दस्तावेज में किसी तहखाने का जिक्र नहीं है। और व्यासजी ने पहले ही पूजा का अधिकार ट्रस्ट को सौंप दिया था। इसलिए उनको अर्जी दाखिल करने का अधिकार नहीं है।

 सर्वे के बाद खोला गया तहखाना

सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद तहखाना खोल दिया गया था। शैलेन्द्र कुमार पाठक ने इस मामले में वाद भी दायर किया था। जिसके बाद 31 जनवरी को जिला जस्टिस के आदेश पर हिन्दू पक्ष को तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया था। उसके आदेश के पश्चात काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी थी।

subkuz.com को बताया कि, इसके बाद वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसजिद कमेटी वाराणसी ने 1 फरवरी को इलाहबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें वाराणसी अदालत के फैसले को सामने से चुनौती दी गई थी। बताया कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्व्रारा मस्जिद समिति की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार करने के बाद दाखिल की गई थी।

क्या है व्यासजी का तहखाना

subkuz.com मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर तहखाने में चार तहखाने हैं, जिनमें से एक तहखाना अभी व्यास परिवार के कब्जे में है जो काफी सालों से यहां रहते थे। उसे ही व्यास जी का तहखाना कहा जाने लगा। व्यासजी का तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी हिस्से में स्थित है। बताया कि पुजारी सोमनाथ व्यास 1993 तक वहां पूजा-अर्चना करते थे। फिर तत्कालीन सरकार द्वारा तहखाने को बंद करने करने के निर्देश दिए गए। उनके निर्देश पर सरकारी अधिकारियों ने तहखाने को बंद कर दिया। जिसके बाद से वहां पूजा नहीं हो रही।

 

 

 

 

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