BRI Project: भारत के बाद ब्राजील ने भी चीन को दिया तगड़ा झटका, BRI प्रोजेक्ट में शामिल होने से किया साफ इनकार, जानिए क्या है वजह?

BRI Project: भारत के बाद ब्राजील ने भी चीन को दिया तगड़ा झटका, BRI प्रोजेक्ट में शामिल होने से किया साफ इनकार, जानिए क्या है वजह?
Last Updated: 29 अक्टूबर 2024

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने स्पष्ट किया है कि ब्राजील चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ब्राजील, चीन के निवेशकों के साथ सहयोग करने के लिए वैकल्पिक रास्तों की तलाश करेगा।

World News: ब्राजील ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआई) में शामिल होने से इनकार करके चीन को एक बड़ा झटका दिया है। इसके साथ ही, भारत के बाद ब्राजील ब्रिक्स संगठन का दूसरा सदस्य देश बन गया है, जिसने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने से मना किया है। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने स्पष्ट किया कि ब्राजील बीआरआई का हिस्सा नहीं बनेगा, बल्कि वह चीनी निवेशकों के साथ सहयोग के लिए वैकल्पिक रास्तों की तलाश करेगा।

चीन को लगा झटका

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्राजील के अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम ने कहा है कि ब्राजील चीन के साथ अपने संबंधों को नए स्तर पर ले जाना चाहता है, लेकिन वह किसी भी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए बिना ऐसा करना चाहता है। ब्राजील का यह निर्णय चीन की कम्युनिस्ट सरकार के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 20 नवंबर को ब्राजील का आधिकारिक दौरा करने वाले हैं। चीन की कोशिश थी कि जिनपिंग की इस यात्रा को राजकीय यात्रा का मुख्य आकर्षण बनाया जाए, लेकिन ब्राजील ने बीआरआई प्रोजेक्ट से बाहर रहकर चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया हैं।

ब्राजील ने किया बीआरआई प्रोजेक्ट का विरोध

ब्राजील में बीआरआई प्रोजेक्ट के खिलाफ उठ रही आवाजें इस बात का संकेत हैं कि देश के कई अधिकारियों को इसके संभावित नुकसान के बारे में चिंता है। ब्राजील की अर्थव्यवस्था और विदेश मामलों के कई अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट में शामिल होने का विरोध किया है, यह मानते हुए कि इससे ब्राजील को अल्पावधि में कोई खास लाभ नहीं मिलेगा।

अधिकारियों का तर्क है कि चीन के इस बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट में शामिल होने से ब्राजील के अमेरिका के साथ संबंध भी खराब हो सकते हैं। हाल ही में, ब्राजीली राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार सेल्सो एमोरिम और राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ रुई कोस्टा बीजिंग दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ बीआरआई प्रोजेक्ट पर चर्चा की।

BRI प्रोजेक्ट को मना करने वाला दूसरा देश बना ब्राजील

ब्रिक्स संगठन के सदस्य देशों में भारत पहले देश के रूप में बीआरआई प्रोजेक्ट में शामिल होने से मना कर चुका है। भारत ने इस प्रोजेक्ट का खुलकर विरोध करते हुए इसे अपने संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में देखा, विशेष रूप से जब यह बात चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की हो। यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना हिस्सा मानता हैं।

अमेरिका ने भी ब्राजील से इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के अपने फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी, और इसके बाद अमेरिका ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी। चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका ब्राजील और अन्य लैटिन अमेरिकी देशों को चीन के खिलाफ भड़काने का प्रयास कर रहा है, जिससे बीआरआई प्रोजेक्ट के प्रति देशों में विभाजन की स्थिति बन रही हैं।

इस तरह, भारत और ब्राजील के द्वारा बीआरआई प्रोजेक्ट से दूरी बनाना न केवल चीन के लिए, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण बदलाव दर्शाता है, जो भविष्य में वैश्विक आर्थिक संबंधों को प्रभावित कर सकता हैं।

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