उत्तराखंड में इन दिनों गर्मी लोगों और जानवरो पर कहर ढाह रही है। मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी के चलते मंगलवार को दून का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया जो कि 122 साल में सबसे अधिक हैं।
देहरादून: उत्तराखंड में इस साल गर्मी तांडव मचा रही है। मैदानी क्षेत्रों में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मई में गर्मी के प्रकोप के बाद जून महीने में भी दून के अधिकतम तापमान के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंगलवार (११ जून) को दून का अधिकतम तापमान 42.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो कि 122 वर्ष में सबसे ज्यादा है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दून सहित अन्य मैदानी क्षेत्रों में आने वाले दो दिन तापमान में बढ़ोतरी का अनुमान हैं।
अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक Subkuz.com ने बताया कि तक़रीबन एक सप्ताह से उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है। धूप खिलने के कारण झुलसाने वाली गर्मी और लू के थपेड़े से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया हैं। देहरादून सहित ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में सूरज आग उगल रहा हैं। इन दिनों अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया हैं।
जानकारी के मुताबिक दून में बीते चार दिनों से पारा 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रहा और आने वाले दिनों में और बढ़ने के आसार है। रुड़की, कोटद्वार, ऋषिकेश, रुद्रपुर, पंतनगर आदि में भी पारा 122 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड में अभी मौसम शुष्क बना रहेगा। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में हल्की-फुल्की बरसात हो सकती है। साथ की कई क्षेत्रों में झोंकेदार हवाएं और आकाशीय बिजली चमकने की संभावना है। विभाग ने मैदानी क्षेत्रों में लू चलने की चेतावनी जारी की हैं।
कम बरसात के कारण बढ़ा तापमान
मौसम विभाग ने बताया अप्रैल और मई में सामान्य से कम वर्षा होने के बाद जून महीना भी सूखा ही बीत गया है। इस माह सामान्य से तकरीबन 65 प्रतिशत कम बरसात हुई है, जिसके कारण मौसम शुष्क बना हुआ है और लगातार सूरज आग उगल रहा है। मार्च में ग्रीष्मकाल की शुरुआत कुछ राहत के साथ हुई, लेकिन अप्रैल और मई में बादलों की नाराजगी के कारण गर्मी ने की तपिश हद से ज्यादा बढ़ गई।
बताया कि पूरे माह ज्यादातर दिन अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से सात डिग्री सेल्सियस अधिक ही रहा। साथ ही अंतिम एक सप्ताह में सूरज के तेवर और तपन ने तापमान के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। जून की शुरुआत में भी भीषण गर्मी के साथ हुई, जो निरंतर वैसे ही बनी हुई है। इस वर्ष ग्रीष्मकाल में एक मार्च से 31 मई तक प्रदेश में में मात्र 128 मिमी बरसात हो सकी जो सामान्य वर्षा 159 मिमी से 19 प्रतिशत कम रही। साथ एक जून से शुरू हुए मानसून सीजन के बाद भी अब तक 59 प्रतिशत कम वर्षा हुई हैं।