उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से धुर्मा और कुन्तरि लगाफाली गांव में कई घर क्षतिग्रस्त हुए। एक शव बरामद, 10 लोग लापता और दो लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। राहत-बचाव अभियान जारी।
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में भी प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी है। नंदानगर में देर रात हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटना में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और कई लोग लापता हो गए। घटना के तुरंत बाद राज्य और केंद्र की आपदा प्रबंधन टीमों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। अब तक एक शव बरामद हुआ है और दो लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाला गया।
चमोली में बादल फटने से भारी नुकसान
सूत्रों के अनुसार, यह घटना नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली और धुर्मा गांव में हुई। भारी बारिश के कारण अचानक नदी का जलस्तर बढ़ गया और तेज बहाव के साथ पानी गांव में घुसा। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब 5-6 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि पानी इतनी तेज़ी से बह रहा था कि घरों और रास्तों को अपने साथ बहा ले गया।
राज्य आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि कुन्तरि लगाफाली के 8 लोग और धुर्मा गांव के 2 लोग अभी भी लापता हैं। प्रभावित इलाकों में मलबा और गाद जमा हो गई है, जिससे बचाव कार्य और कठिन हो गया है।
राहत और बचाव अभियान जारी
चमोली प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत मौके पर भेजा। सुबह-सुबह ही नंदप्रयाग पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। स्थानीय प्रशासन ने मेडिकल टीम और तीन 108 एंबुलेंस को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया। दो ग्रामीणों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया, जबकि एक शव बरामद हुआ है।
पुलिस और बचाव दल लगातार प्रभावित गांवों में तलाश अभियान चला रहे हैं। जलस्तर और मलबे की स्थिति के कारण अभियान चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि अभी भी कई लोग सुरक्षित नहीं हैं और टीमों ने रात और दिन दोनों समय आपदा प्रभावित इलाकों में गहन खोज जारी रखी है।
मौसम विभाग की चेतावनी और अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले तीन घंटे में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विशेषकर देहरादून और हरिद्वार में मौसम विकट रहने की संभावना है। पौड़ी और टिहरी गढ़वाल में भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और नदी-नालों के किनारे जाने से बचने की चेतावनी दी है।
स्थानीय लोगों की मुश्किलें
बादल फटने के कारण स्थानीय लोग भय और दहशत में हैं। कई परिवार रातभर सुरक्षित स्थान तलाशने में लगे रहे। अधिकारियों ने राहत सामग्री, खाने-पीने की चीजें और अस्थायी आश्रय प्रदान किया। स्थानीय लोग ऊंची पहाड़ियों से मलबा गिरते देखकर भयभीत हैं।
राज्य प्रशासन और बचाव दल ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और पानी के तेज बहाव के पास जाने से बचें। राहत कार्य जारी है और उम्मीद है कि खोज और रेस्क्यू अभियान के माध्यम से सभी लापता लोगों को सुरक्षित निकाला जाएगा।