राजस्थान के झुंझुनूं में स्कूल बसों की टक्कर से 35-40 बच्चे घायल हो गए। भ्रमण पर जा रही बसों में अफरा-तफरी मच गई, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गंभीर चोटें नहीं आई हैं।
सूरजगढ़: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में सूरजगढ़ क्षेत्र में सोमवार सुबह दो स्कूल बसें आपस में टकरा गईं, जिससे 35 से 40 बच्चे घायल हो गए। हादसे के बाद बच्चों के परिजन और प्रशासन में हड़कंप मच गया। बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर हिसार ले जाया जा रहा था और दुर्घटना के समय बसें सफर में थीं।
सूरजगढ़ में बस हादसा
जानकारी के अनुसार, सूरजगढ़ की पालिराम ब्रजलाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के लगभग 250 छात्र चार बसों में सवार होकर हिसार के शैक्षणिक भ्रमण के लिए जा रहे थे। पिलौद गांव के पास अचानक सामने एक वाहन आ गया, जिसे बचाने के प्रयास में आगे चल रही बस ने नियंत्रण खो दिया।
पीछे से आ रही दूसरी बस अनियंत्रित होकर उससे टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों बसों में चीख-पुकार मच गई और बच्चों में अफरा-तफरी फैल गई। घटना स्थल पर आसपास के ग्रामीण तुरंत पहुंचे और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की।
हादसे में घायल बच्चों का अस्पताल में इलाज
हादसे में घायल बच्चों को प्राथमिक उपचार के लिए सूरजगढ़ के राजकीय अस्पताल पहुंचाया गया। पांच बच्चों को गंभीर चोटों के कारण सीटी स्कैन सहित अन्य जांचों के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत इलाज शुरू कर दिया।
जीवन ज्योति रक्षा समिति के सदस्यों ने एम्बुलेंस और निजी वाहनों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाई। डॉक्टरों का कहना है कि अधिकांश बच्चों की चोटें मामूली हैं और स्थिति अब नियंत्रण में है।
अस्पताल में परिजनों की भीड़
हादसे की जानकारी मिलते ही बच्चों के परिजन अस्पताल पहुंच गए। अपने बच्चों की सलामती को लेकर उन्होंने बेचैनी और चिंता व्यक्त की। कई परिजन बच्चों को गोद में लेकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने लगे।
अस्पताल प्रशासन ने घायलों के इलाज के साथ-साथ परिजनों को भी स्थिति की पूरी जानकारी दी। बीसीएमओ डॉ. हरेंद्र धनखड़ ने बताया कि बच्चे सामान्य हालात में हैं और किसी की स्थिति गंभीर नहीं है। इसके बावजूद परिजनों की चिंता को देखते हुए सुरक्षा और सुविधा को बढ़ाया गया।
स्कूल और प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की
स्कूल प्रशासन ने हादसे की जानकारी मिलते ही आपात कदम उठाए। स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों ने अस्पताल पहुंचकर बच्चों की देखभाल और परिजनों को जानकारी देने का कार्य किया। स्कूल ने बच्चों की सुरक्षा और उनके इलाज में हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।
पुलिस और प्रशासन ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने सड़क पर यातायात का प्रबंधन किया और बच्चों के सुरक्षित परिवहन को सुनिश्चित किया। अधिकारियों ने कहा कि आगे सभी स्कूल भ्रमणों में सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया जाएगा।