जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की है। उन्होंने इसे जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग और विकास के लिए जरूरी कदम बताया। हालिया विधानसभा चुनाव परिणामों को भी इस मांग का समर्थन माना गया है।
Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार से 2019 के बाद किया गया वादा पूरा करने की मांग की है, जिसमें सही समय पर राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह समय सबसे उपयुक्त है और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से इसकी घोषणा करेंगे। उन्होंने राज्य की राजनीतिक स्थिरता, सम्मान और विकास के लिए इसे आवश्यक कदम बताया और हाल के विधानसभा चुनाव नतीजों को जनता की स्पष्ट इच्छा का संकेत माना।
लाल किले से बहाली की उम्मीद
जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा है कि 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले से राज्य का दर्जा बहाल करने का ऐलान करना चाहिए। उनका मानना है कि यह फैसला प्रदेश की राजनीतिक स्थिरता और विकास को नई दिशा देगा। ताली मोड़ बारी में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस की सभा में उन्होंने 5 अगस्त 2019 की घटनाओं को याद करते हुए कहा कि एक पूर्ण राज्य को मनमाने तरीके से दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में बांटा गया, जिसे नागरिकों ने कभी स्वीकार नहीं किया।
केंद्र सरकार से वादे पर अमल की मांग
सुरेंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार से 2019 के बाद किया गया वादा निभाने की अपील की, जिसमें सही समय पर राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि यह सबसे उपयुक्त समय है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में इसकी घोषणा करेंगे। साथ ही उन्होंने उमर अब्दुल्ला सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया, जिनमें महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा, शादी के लिए सहायता राशि बढ़ाकर 75 हजार रुपये, 200 यूनिट मुफ्त बिजली और पेंशन योजनाएं शामिल हैं।
चुनावी परिणाम में दिखी जनता की इच्छा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि 2024 विधानसभा चुनाव के नतीजों ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता 2019 के फैसले से खुश नहीं है। एनसी-कांग्रेस गठबंधन को मिला भारी जनादेश इस बात का प्रमाण है कि लोग राज्य के दर्जे की बहाली चाहते हैं और केंद्र सरकार को इस जनभावना का सम्मान करना चाहिए।