जर्मनी के राइन-रूहर में जारी विश्व विश्वविद्यालय खेलों (WUG) में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय मिश्रित बैडमिंटन टीम इन दिनों चयन प्रक्रिया और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर विवादों में घिर गई है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: जर्मनी के राइन-रुहर में आयोजित विश्व विश्वविद्यालय खेलों (World University Games 2025) में भारतीय बैडमिंटन टीम के चयन और प्रबंधन में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। इस लापरवाही के चलते 12 में से 6 भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोक दिया गया। इस प्रशासनिक चूक ने इन युवा खिलाड़ियों के करियर और भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
भारत की 12 सदस्यीय बैडमिंटन टीम को विश्व विश्वविद्यालय खेलों के लिए चुना गया था। लेकिन केवल 6 खिलाड़ियों को ही खेलने की अनुमति दी गई। इसकी वजह यह रही कि भारतीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को आयोजित मैनेजर्स मीटिंग के दौरान सभी नामों को ठीक से प्रस्तुत नहीं किया। यह आमंत्रण और स्वीकृति की मूलभूत प्रक्रिया की बड़ी चूक थी।
जिन 6 खिलाड़ियों को खेलने दिया गया उन्होंने मिश्रित टीम स्पर्धा में हिस्सा लिया और कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए सम्मान हासिल किया। लेकिन शेष 6 खिलाड़ियों को बिना किसी गलती के बाहर बैठना पड़ा।
बाहर किए गए खिलाड़ी सोशल मीडिया पर फूटे
इस घटना के बाद खिलाड़ी अलीशा खान ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए लिखा, ये सिर्फ कुप्रबंधन नहीं है, ये हमारे करियर को नुकसान पहुंचाने वाला है। हमने कोई मैच नहीं गंवाया, बल्कि खेलने का हमारा हक ही छीन लिया गया। हम जवाब और जवाबदेही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक साधारण भूल नहीं, बल्कि एक ऐसी लापरवाही है जिसने युवाओं के सपनों को तोड़ा है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के अधिकारी बीवी राव और अजीत मोहन बैठक में भारत की ओर से मौजूद थे। AIU के सचिव डॉ. पंकज मित्तल ने इस चूक को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, उन्होंने अभी तक कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है। सूत्रों के मुताबिक, यह चूक केवल एक त्रुटि नहीं बल्कि लंबे समय से चली आ रही अनियमितताओं का नतीजा है। खिलाड़ियों के चयन ट्रायल भुवनेश्वर के कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में हुए थे, जहां से विवाद की शुरुआत मानी जा रही है।
प्रबंधन ने की बड़ी लापरवाही
सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन को खिलाड़ियों की अंतिम सूची मैनेजर्स मीटिंग में ध्यानपूर्वक पढ़नी थी और सुनिश्चित करना था कि कोई अनुपस्थित या अयोग्य खिलाड़ी सूची में न हो। साथ ही यह भी अनिवार्य था कि हर खिलाड़ी किस इवेंट (सिंगल्स, डबल्स, मिक्स्ड) में खेलेगा, इसकी जानकारी साफ तौर पर दी जाती।
लेकिन अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और सिर्फ 6 नाम प्रस्तुत किए।
एफआईएसयू (FISU) ने भी कहा कि जब आधिकारिक सूची में 6 नाम दिए गए तो वे बाकी को मंजूरी नहीं दे सकते थे। इसी के चलते आधे खिलाड़ी बाहर हो गए।
कौन-कौन खेले और किसे किया बाहर?
जिन 6 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया
- सनीथ दयानंद
- सतीश कुमार करुणाकरण
- देविका सिहाग
- तस्नीम मीर
- वर्षिनी विश्वनाथ श्री
- वैष्णवी खड़केकर
इस टीम ने मकाऊ को हराया, हांगकांग से ग्रुप में हार मिली लेकिन अमेरिका और मलेशिया को हराकर सेमीफाइनल तक पहुंची, जहां चीनी ताइपे से हार गई।
जिन 6 खिलाड़ियों को नहीं खेलने दिया गया
- रोहन कुमार
- दर्शन पुजारी
- अदिति भट्ट
- अभिनाश मोहंती
- विराज कुवाले
- अलीशा खान
दर्शन पुजारी ने भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) को पत्र लिखकर इस लापरवाही की जांच की मांग की। उन्होंने अपने ईमेल में लिखा,इस स्तर की चूक ने हमें मानसिक और भावनात्मक तौर पर तोड़ा है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर हमें खेलने से रोका गया। केवल माफी से बात नहीं बनेगी, जिम्मेदार अधिकारियों को जवाब देना होगा।