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विपक्ष की मांगों पर नहीं बनी सहमति, संसद में हंगामा जारी, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

विपक्ष की मांगों पर नहीं बनी सहमति, संसद में हंगामा जारी, कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

विपक्षी दलों द्वारा उपराष्ट्रपति के इस्तीफे, एसआईआर और पहलगाम हमले पर चर्चा की मांग के चलते संसद में हंगामा हुआ। इसके चलते कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

New Delhi: मंगलवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान एक बार फिर विपक्षी दलों के भारी विरोध और नारेबाजी के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही। अंततः दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह बिहार की मतदाता सूची, पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग थी।

लोकसभा में विपक्ष का जोरदार विरोध

लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। लेकिन जैसे ही सत्र प्रारंभ हुआ, विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से उठकर जोरदार नारेबाजी करने लगे। नतीजतन, सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा। पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक। लगातार शोरगुल और अव्यवस्था के चलते लोकसभा की कार्यवाही को बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

इस हंगामे के कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल, दोनों नहीं हो पाए। यह संसद की कार्यवाही का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसमें जनहित के मुद्दों को उठाया जाता है। लेकिन विपक्षी दलों की तीव्र प्रतिक्रिया और सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब न आने के चलते सदन में कामकाज ठप हो गया।

राज्यसभा भी हंगामे की भेंट चढ़ी

राज्यसभा में भी मंगलवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों ने कुल 12 नोटिस दिए हैं, जिनमें सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार द्वारा उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर चर्चा की मांग भी शामिल थी। लेकिन सभी नोटिस खारिज कर दिए गए।

इसके बाद विपक्षी सदस्य उत्तेजित हो गए और उन्होंने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सदस्य तो उपसभापति के आसन के पास तक पहुंच गए। उपसभापति ने उन्हें शांत रहने की अपील की, लेकिन जब हंगामा नहीं रुका तो सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। बाद में कार्यवाही दोबारा शुरू नहीं हो सकी और राज्यसभा को भी पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

बिहार की मतदाता सूची बना टकराव का मुद्दा

विपक्षी दलों ने खासतौर पर बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और इससे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की मांग की, जिसे सरकार की ओर से ठुकरा दिया गया।

अन्य मुद्दों पर भी विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

बिहार के मुद्दे के अलावा विपक्ष ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी चर्चा की मांग की। विपक्ष का कहना है कि इन मुद्दों को संसद में प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि ये देश की सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों से जुड़े हैं। साथ ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया इस्तीफे पर भी विपक्ष चर्चा चाहता था। लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया न मिलने के कारण विपक्ष ने विरोध तेज कर दिया।

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