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मेड इन इंडिया Arattai ऐप ने किया कमाल, ऐप स्टोर पर नंबर वन बन WhatsApp को दी कड़ी चुनौती

मेड इन इंडिया Arattai ऐप ने किया कमाल, ऐप स्टोर पर नंबर वन बन WhatsApp को दी कड़ी चुनौती

भारतीय मैसेजिंग ऐप Arattai ने ऐप स्टोर पर नंबर वन का स्थान हासिल कर लिया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अपील के बाद यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है, जो पहले रोजाना 3,000 थी, अब 3.5 लाख से ज्यादा हो गई है। ऐप WhatsApp के विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो रहा है और यूजर प्राइवेसी पर फोकस करता है।

Arattai App Fast: भारतीय टेक कंपनी जोहो का मैसेजिंग ऐप Arattai ऐप स्टोर पर नंबर वन पर पहुंच गया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अपील के बाद, लाखों यूजर्स ने इसे डाउनलोड किया। 2021 में लॉन्च हुए इस ऐप में पर्सनल चैट, ग्रुप चैट, वॉइस नोट और वीडियो शेयरिंग जैसे फीचर्स हैं। बढ़ते यूजर्स के चलते कंपनी ने सर्वर क्षमता बढ़ाई है, ताकि सभी यूजर्स को सहज और सुरक्षित अनुभव मिल सके।

तेजी से बढ़ता यूजर बेस

जोहो कॉर्पोरेशन का भारतीय मैसेजिंग ऐप Arattai ऐप स्टोर पर नंबर वन पर पहुंच गया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अपील के बाद लाखों यूजर्स इसे रोजाना डाउनलोड कर रहे हैं। कुछ दिन पहले रोजाना लगभग 3,000 यूजर्स इस ऐप पर आते थे, जो अब बढ़कर 3.5 लाख से पार हो गया है। कंपनी ने सोशल नेटवर्किंग कैटेगरी में पहले पायदान पर पहुंचने की जानकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए साझा की।

Arattai ऐप 2021 में लॉन्च हुआ था, लेकिन जब तक ज्यादा ध्यान नहीं गया। हाल ही में केंद्रीय मंत्री की अपील के बाद इसे भारी प्रतिक्रिया मिली। अब यह WhatsApp के विकल्प के रूप में देखी जा रही है।

Arattai के फीचर्स और प्राइवेसी

तमिल भाषा के शब्द Arattai का मतलब अनौपचारिक बातचीत है। ऐप में पर्सनल चैट, ग्रुप चैट, वॉइस नोट, इमेज और वीडियो शेयरिंग जैसे फीचर्स मौजूद हैं। हालांकि, वॉइस और वीडियो कॉल्स में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन है, लेकिन पर्सनल चैट के लिए यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।

जोहो का दावा है कि ऐप में यूजर्स की प्राइवेसी पूरी तरह सुरक्षित है और पर्सनल डेटा को कभी मोनेटाइज नहीं किया जाएगा। यह कदम यूजर्स के विश्वास को बनाए रखने और ऐप के सुरक्षित अनुभव के लिए महत्वपूर्ण है।

कंपनी की तैयारियां और सर्वर की चुनौतियां

Arattai पर तेजी से बढ़ते यूजर्स के कारण जोहो को अपनी तैयारियां तेज करनी पड़ी हैं। को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने बताया कि नए यूजर्स की संख्या बढ़ने के चलते इमरजेंसी बेसिस पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना पड़ा।

सर्वर पर बढ़ते बोझ के कारण कई यूजर्स को OTP प्राप्त करने या कॉन्टैक्ट सिंक करने में देरी का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी लगातार सुधार और सर्वर क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि यूजर एक्सपीरियंस बेहतर हो।

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