मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 11 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीन सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
MP News: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। सरकार ने सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (Shri Son Pharmaceuticals) के सभी प्रोडक्ट्स पर तुरंत बैन लगा दिया है। वहीं, सिरप लिखने वाले डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) की मात्रा बेहद ज्यादा थी, जो बच्चों की जान के लिए जानलेवा साबित हुई।
घटना का दर्दनाक सिलसिला: 11 मासूमों की मौत
भोपाल और छिंदवाड़ा जिले में जब बच्चों की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी तो परिजनों ने समझा कि यह सामान्य बुखार या संक्रमण है। लेकिन जब एक के बाद एक बच्चे दम तोड़ने लगे, तब मामले ने भयावह रूप ले लिया। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से अब तक 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। देश के अन्य हिस्सों में भी कई बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
डॉक्टर प्रवीन सोनी गिरफ्तार
मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि बच्चों को कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीन सोनी ही थे। पुलिस ने उन्हें छिंदवाड़ा के परासिया इलाके से गिरफ्तार किया है। डॉक्टर सोनी वहां के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) हैं। वह सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं, साथ ही उनका खुद का निजी क्लीनिक भी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टर ने बच्चों को सर्दी-जुकाम में यह सिरप पीने की सलाह दी थी, जिसके बाद बच्चों की तबीयत और बिगड़ गई।
सिरप में पाया गया खतरनाक केमिकल
जांच में सबसे बड़ा खुलासा तब हुआ जब सिरप का सैंपल चेन्नई की ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्री में भेजा गया। वहां पता चला कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) की मात्रा 48.6 प्रतिशत थी, जबकि मानक सीमा सिर्फ 0.1 प्रतिशत होनी चाहिए। यह केमिकल मुख्य रूप से इंडस्ट्रियल सॉल्वेंट में इस्तेमाल किया जाता है, जिसे शरीर में जाने पर किडनी फेल्योर और न्यूरोलॉजिकल डैमेज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
पीड़ित परिवारों की आपबीती
पीड़ित परिवारों ने बताया कि उनके बच्चों को हल्का बुखार और खांसी-जुकाम था। उन्होंने बच्चों को स्थानीय डॉक्टर को दिखाया, जहां उन्हें कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिया गया। सिरप लेने के कुछ दिन बाद बच्चों में किडनी इंफेक्शन के लक्षण दिखने लगे। टॉयलेट में जलन, उल्टी और पेशाब बंद होने जैसे लक्षण बढ़ने लगे। कुछ ही दिनों में बच्चों की हालत इतनी खराब हो गई कि वे बच नहीं सके। एक माता ने बताया कि "हमने सोचा डॉक्टर ने जो कहा वो सही होगा, लेकिन उसी सिरप ने हमारे बच्चे की जान ले ली।"
सरकार का बड़ा एक्शन: कंपनी पर बैन
घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए कोल्ड्रिफ कफ सिरप और श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के सभी प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया। कंपनी तमिलनाडु के कांचीपुरम (Kanchipuram) में स्थित है। राज्य सरकार ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है और प्रोडक्शन यूनिट की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, राज्य भर में इस सिरप की बिक्री और वितरण पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिए सख्त निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को "भयावह और असहनीय" बताया। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और ड्रग कंट्रोलर को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि “बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह सिर्फ एक मेडिकल गलती नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ अपराध है।”
तमिलनाडु फैक्ट्री में जांच तेज
कफ सिरप बनाने वाली कंपनी की फैक्ट्री तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया। शुरुआती रिपोर्ट में फैक्ट्री में क्वालिटी कंट्रोल और सैंपल टेस्टिंग की गंभीर लापरवाही पाई गई है। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग ने भी कंपनी के लाइसेंस को निलंबित करने की सिफारिश की है।
अन्य राज्यों में भी बैन
कोल्ड्रिफ कफ सिरप को अब सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली, केरल, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में भी बैन कर दिया गया है। ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के किसी भी प्रोडक्ट की बिक्री, वितरण या उपयोग न किया जाए। यह भी जांच की जा रही है कि कंपनी के अन्य प्रोडक्ट्स में भी कहीं खतरनाक तत्व तो नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति या मेडिकल स्टोर कोल्ड्रिफ सिरप या श्रीसन कंपनी के किसी भी सिरप का उपयोग न करें। साथ ही, जिन परिवारों ने हाल ही में इस सिरप का उपयोग किया है, वे तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर मेडिकल चेकअप करवाएं। बच्चों में पेशाब न आना, उल्टी या पेट दर्द जैसे लक्षण दिखें तो यह किडनी टॉक्सिसिटी (Kidney Toxicity) के संकेत हो सकते हैं।
यह है डायएथिलीन ग्लाइकॉल का खतरा
डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) एक जहरीला केमिकल है जो आमतौर पर ब्रेक फ्लुइड, पेंट, और इंडस्ट्रियल क्लीनर में उपयोग होता है। अगर यह शरीर में पहुंच जाए तो किडनी, लिवर और नर्व सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। बच्चों के शरीर में यह केमिकल तेजी से असर दिखाता है जिससे मौत भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले भी चेतावनी दी थी कि कई देशों में नकली या निम्न-गुणवत्ता वाले सिरप में DEG पाया जा चुका है, जिससे दर्जनों बच्चों की जान गई थी।