म्यांमार में मंगलवार सुबह 4.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र मणिपुर के पास 15 किलोमीटर गहराई पर था। झटके असम और नागालैंड तक महसूस हुए। किसी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लगातार गतिविधियां चिंता बढ़ा रही हैं।
Myanmar Earthquake: म्यांमार में मंगलवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार यह भूकंप 30 सितंबर 2025 को सुबह करीब 6 बजकर 10 मिनट पर आया। इसकी तीव्रता 4.7 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र मणिपुर क्षेत्र में जमीन से लगभग 15 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था।
भूकंप के झटके केवल म्यांमार तक सीमित नहीं रहे, बल्कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों नागालैंड और असम में भी महसूस किए गए। अचानक आए इन झटकों ने लोगों को कुछ देर के लिए दहशत में डाल दिया।
भूकंप का केंद्र और गहराई का महत्व
NCS के अनुसार भूकंप का केंद्र मणिपुर के नजदीक था। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी भूकंप का असर उसकी गहराई पर निर्भर करता है। अगर केंद्र सतह के ज्यादा पास यानी कम गहराई में होता है तो उसके झटके ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे भूकंप सीमित क्षेत्र में तबाही मचा सकते हैं।
इस मामले में भूकंप का केंद्र केवल 15 किलोमीटर की गहराई पर था, जो अपेक्षाकृत कम मानी जाती है। यही वजह रही कि इसके झटके भारत के नजदीकी इलाकों तक भी पहुंचे।
सोमवार को भी आया था भूकंप
म्यांमार और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप की गतिविधियां लगातार दर्ज की जा रही हैं। सोमवार को भी 3.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। हालांकि उसका केंद्र जमीन से 60 किलोमीटर नीचे था। ज्यादा गहराई में आने वाले भूकंप का असर सतह तक उतना तेज नहीं पहुंच पाता। यही वजह रही कि सोमवार का झटका मामूली था और लोगों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
तिब्बत में भी महसूस हुए झटके
हिमालयन क्षेत्र में पिछले कुछ समय से लगातार भूकंपीय हलचल देखी जा रही है। इसी कड़ी में तिब्बत में भी सोमवार को भूकंप आया। तिब्बत के भूकंप की तीव्रता 3.3 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। इसका केंद्र जमीन से लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर था।
भले ही यह झटका छोटा रहा हो, लेकिन लगातार हो रही हलचल इस पूरे क्षेत्र की संवेदनशीलता को दिखाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयन बेल्ट पहले से ही भूकंप प्रवण यानी भूकंप संभावित क्षेत्र है, इसलिए यहां हल्की से हल्की गतिविधि को भी गंभीरता से लेना जरूरी है।
भारत में असर और लोगों की प्रतिक्रिया
म्यांमार में आए 4.7 तीव्रता के भूकंप का सीधा असर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों नागालैंड और असम में महसूस किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह के समय अचानक जमीन हिलने से लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक किसी तरह के नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है।
क्यों खतरनाक माने जाते हैं सतही भूकंप
भूकंप की तीव्रता जितनी अधिक होती है, उसका असर उतना ही दूर तक महसूस होता है। लेकिन असली खतरा तब बढ़ जाता है जब इसका केंद्र सतह के करीब होता है। कम गहराई वाले भूकंप ऊर्जा को पास के क्षेत्र में केंद्रित कर देते हैं, जिससे इमारतों और सड़कों को नुकसान पहुंचने की संभावना अधिक हो जाती है।
लगातार गतिविधियों से बढ़ रही चिंता
म्यांमार, तिब्बत और भारत के पूर्वोत्तर इलाकों में एक के बाद एक भूकंप की घटनाएं सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल से प्रभावित होता है। हिमालयन बेल्ट में मौजूद फॉल्ट लाइन्स की वजह से यहां लगातार ऊर्जा का दबाव बनता है। जब यह दबाव टूटता है तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।