इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली बेंगलुरु की प्रमुख कंपनी OLA Electric एक बार फिर से फंड जुटाने की दिशा में काम कर रही है। सूत्रों की मानें तो कंपनी 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये तक की राशि जुटाने के लिए बैंकरों से बातचीत कर रही है। यह रकम प्राइवेट क्रेडिट लाइन के जरिए जुटाई जा सकती है और इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से पुराने बैंक लोन को दोबारा फाइनेंस करने में किया जाएगा।
OLA Electric की इस कवायद को ऐसे समय देखा जा रहा है जब बाजार में उसकी हिस्सेदारी घटी है और अन्य प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने फिर से मजबूत वापसी की है।
बाजार हिस्सेदारी में गिरावट ने बढ़ाई बेचैनी
OLA Electric पिछले कुछ समय से इलेक्ट्रिक दोपहिया मार्केट में दबाव का सामना कर रही है। Ather, TVS और Bajaj जैसे पुराने और भरोसेमंद ब्रांड्स ने दोबारा अपनी स्थिति मजबूत की है, जिससे OLA की ग्रोथ रफ्तार धीमी पड़ी है।
OLA का यह नया फंडिंग प्लान उसी चुनौती का जवाब माना जा रहा है। कंपनी चाहती है कि वह अपनी पूंजीगत स्थिति सुधारकर मार्केट में दोबारा पैर जमा सके।
मार्च 2025 तिमाही में नुकसान ने चौंकाया
कंपनी की वित्तीय हालत भी हाल के दिनों में चर्चा में रही है। मार्च 2025 में खत्म हुई तिमाही में OLA Electric का घाटा 870 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। जबकि पिछले साल इसी अवधि में घाटा इससे काफी कम था।
इस घाटे ने निवेशकों और विश्लेषकों के बीच चिंता पैदा की है। कंपनी की ओर से उठाया गया नया फंडिंग कदम इसी बैकड्रॉप में सामने आया है।
इस साल दोबारा पूंजी जुटाने का प्रयास
OLA Electric के लिए यह इस साल दूसरा बड़ा फंड जुटाने का प्रयास है। जनवरी 2025 में कंपनी ने 1,700 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) और दूसरी कर्ज आधारित सिक्योरिटीज का इस्तेमाल होना था।
अब, कुछ ही महीनों के भीतर कंपनी फिर से पूंजी जुटाने की दिशा में बढ़ी है। हालांकि इस बार मकसद अपने मौजूदा कर्ज को रिफाइनेंस करना बताया जा रहा है।
कंपनी की सफाई, पर चर्चा जारी
OLA Electric के प्रवक्ता ने मीडिया में चल रही इन खबरों का खंडन किया है। कंपनी का कहना है कि यह रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। लेकिन उद्योग से जुड़े लोगों और बैंकरों के हवाले से जो बातें सामने आ रही हैं, वे इसके विपरीत संकेत दे रही हैं।
बताया जा रहा है कि कंपनी ने कुछ बड़े फाइनेंशियल सलाहकारों से विभिन्न फंडिंग विकल्पों को लेकर सुझाव भी मांगे हैं।
भाविश अग्रवाल का प्राइवेट क्रेडिट पर भरोसा
OLA Electric के फाउंडर और एमडी भाविश अग्रवाल ने कथित तौर पर फंड जुटाने के लिए प्राइवेट क्रेडिट लाइन का रास्ता अपनाने का फैसला लिया है। पहले कंपनी ने QIP (Qualified Institutional Placement) जैसे विकल्पों पर भी मंथन किया था, लेकिन आखिरकार निजी कर्ज को ही प्राथमिकता दी जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी के वित्तीय सलाहकारों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे विकल्प तैयार करें जिनसे जल्दी और बेहतर शर्तों पर रकम जुटाई जा सके।
शेयर की हालत भी कमजोर
OLA Electric का शेयर बीते कुछ समय से गिरावट के दौर से गुजर रहा है। 11 जुलाई 2025 को कंपनी का शेयर बीएसई पर ₹39.8 तक पहुंच गया। शेयर की गिरती कीमत ने बाजार में हलचल बढ़ा दी है।
निवेशकों का ध्यान अब इस बात पर है कि अगर कंपनी फिर से फंड जुटाती है तो क्या उससे शेयर की स्थिति में सुधार होगा या फिर दबाव और बढ़ेगा।
प्रतिस्पर्धा से मिल रही कड़ी टक्कर
OLA Electric को फिलहाल एक ओर बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से और दूसरी ओर आंतरिक वित्तीय चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। TVS की iQube, Ather की 450X और Bajaj की Chetak जैसे उत्पाद फिर से बाजार में लोकप्रिय हो रहे हैं।
OLA Electric के पास विस्तार की योजनाएं हैं लेकिन इसके लिए कंपनी को लगातार फंडिंग की ज़रूरत महसूस हो रही है। यही कारण है कि वह बार-बार नए विकल्पों की तलाश में दिख रही है।
आईपीओ के बाद बनी हुई हैं उम्मीदें
OLA Electric ने अगस्त 2024 में स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग की थी। उस समय बाजार में कंपनी को लेकर काफी उत्साह था। लेकिन लिस्टिंग के बाद जिस तरह से घाटा बढ़ा और शेयर की कीमत में गिरावट आई, उससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा है।
अब जब कंपनी दोबारा फंडिंग की ओर बढ़ रही है, तो बाजार की नजर इस पर टिकी है कि यह कदम कंपनी के हालात को कितना सुधार पाता है।