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पेटीएम का रिकॉर्ड मुनाफा भी नहीं रोक सका गिरावट! जानिए निवेशक क्यों घबराए

पेटीएम का रिकॉर्ड मुनाफा भी नहीं रोक सका गिरावट! जानिए निवेशक क्यों घबराए

पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस ने साल 2025-26 की पहली तिमाही में 123 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है। यह मुनाफा खास इसलिए है क्योंकि कंपनी के लिस्टिंग के बाद यह पहला मौका है जब वह किसी तिमाही में फायदे में रही है। इससे एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 839 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

लेकिन, हैरानी की बात ये रही कि जिस दिन कंपनी के नतीजे आए उसके अगले दिन पेटीएम के शेयर बाजार में 3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। निवेशक इस गिरावट को लेकर उलझन में हैं क्योंकि उम्मीद की जा रही थी कि मुनाफे की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी आएगी।

ऑपरेटिंग लेवल पर भी दिखा सुधार

इस तिमाही में पेटीएम का EBITDA यानी ऑपरेटिंग प्रॉफिट 72 करोड़ रुपये रहा। जबकि पिछले दो तिमाहियों में कंपनी ऑपरेटिंग स्तर पर भी घाटे में चल रही थी। यानी यह नतीजे कंपनी की मजबूत होती स्थिति को दिखाते हैं। इसके अलावा, पेटीएम का कुल राजस्व 1917.5 करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले साल की तुलना में 28 प्रतिशत ज्यादा है।

ब्रोकरेज फर्मों का रुख बदलता नजर आया

कंपनी के नतीजे सामने आने के बाद कई ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस ने पेटीएम को लेकर अपने रुख में बदलाव किया है। जेफरीज ने कंपनी पर भरोसा जताते हुए इसकी रेटिंग बढ़ाकर 'बाय' कर दी है और टारगेट प्राइस 1250 रुपये तय किया है। इसके मुताबिक पेटीएम के शेयरों में अब भी लगभग 19 प्रतिशत तक की तेजी की गुंजाइश है क्योंकि सोमवार को बाजार बंद होते समय पेटीएम का भाव 1051 रुपये था।

साल भर में शानदार बढ़त

अगर पिछले एक साल की बात करें तो पेटीएम के शेयरों ने करीब 132 प्रतिशत की जबरदस्त छलांग लगाई है। जो निवेशक पहले से इसमें शामिल थे, उन्हें अच्छा खासा रिटर्न मिला है। इसी भरोसे पर बर्नस्टीन जैसी ब्रोकरेज फर्म ने भी पेटीएम को लेकर पॉजिटिव रुख अपनाया है। उन्होंने इसका टारगेट 1100 रुपये तय करते हुए इसे 'आउटपरफॉर्म' की रेटिंग दी है।

सभी की राय एक जैसी नहीं

हालांकि हर ब्रोकरेज फर्म पेटीएम को लेकर एक जैसी राय नहीं रखती। मैक्वेरी जैसी फर्म ने इसके उलट रुख दिखाया है। मैक्वेरी ने पेटीएम के लिए टारगेट प्राइस 760 रुपये रखा है और इसे 'अंडरपरफॉर्म' की कैटेगरी में डाला है। यानी उनके अनुसार पेटीएम का शेयर मौजूदा स्तर से नीचे जा सकता है।

शेयर गिरने के पीछे की वजह क्या हो सकती है

एक ओर जहां मुनाफा हुआ है, ऑपरेटिंग लेवल पर सुधार है, ब्रोकरेज हाउस पॉजिटिव हो रहे हैं, फिर भी शेयर गिरा — यह सवाल हर निवेशक के मन में है। बाजार जानकारों का मानना है कि कई बार शेयरों में बढ़त पहले से ही अनुमान में शामिल हो जाती है, जिसे ‘प्राइस इन’ होना कहा जाता है। यानी मुनाफे की उम्मीद पहले से शेयर की कीमत में जुड़ चुकी थी। जब नतीजे आए तो निवेशकों ने मुनाफा वसूली शुरू कर दी जिससे शेयर नीचे आ गया।

दूसरी ओर, कुछ निवेशकों को यह चिंता भी है कि कंपनी का ग्रोथ ट्रैक आगे कितना मजबूत रहेगा। मुनाफा एक तिमाही में आया है, लेकिन लगातार मुनाफे में रहने की चुनौती बड़ी होती है। साथ ही पेटीएम के पेमेंट बैंक पर लगे कुछ पुराने प्रतिबंध भी निवेशकों की सोच पर असर डालते हैं।

रिकवरी के संकेत मिले

हालांकि गिरावट के बाद पेटीएम के शेयरों में हल्की रिकवरी भी देखी गई। दोपहर के बाद स्टॉक थोड़ा संभला। इससे यह भी साफ हो गया कि बाजार पूरी तरह से नेगेटिव नहीं है बल्कि निवेशक सतर्क हैं।

अब निवेशकों की नजर आगे के ट्रेंड पर

निवेशकों के लिए अब असली सवाल यह है कि क्या पेटीएम मुनाफे की राह पर टिके रह पाएगी या फिर यह सिर्फ एक तिमाही की बात थी। ब्रोकरेज फर्मों की मिली-जुली राय इस बात को और उलझा देती है। कोई इसे लंबी दौड़ का घोड़ा मान रहा है तो कोई अब भी सावधानी बरतने को कह रहा है।

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