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राजस्थान: पत्ते पर लिखकर मांगी 60,000 की रिश्वत, ASI गिरफ्तार 

राजस्थान: पत्ते पर लिखकर मांगी 60,000 की रिश्वत, ASI गिरफ्तार 

राजस्थान के भरतपुर में एसीबी ने भुसावर थाने के एएसआई उदय सिंह को 40,000 रुपये लेते रंगे हाथ दबोचा। जमीन विवाद में रिश्वत मांगने के लिए एएसआई ने करंज के पत्ते पर 60,000 रुपये लिखे थे।

भरतपुर: जिले के भुसावर थाने में तैनात एएसआई उदय सिंह ने जमीन विवाद में जांच के नाम पर 60,000 रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत मांगने का तरीका भी अनोखा था – करंज के पत्ते पर रकम लिखकर परिवादी को सौंपा। मामला सामने आते ही एसीबी ने साधु के वेश में जाल बिछाकर आरोपी को ट्रैप किया। एएसआई ने पैसे लेकर भागने का प्रयास किया, लेकिन 25 किमी पीछा करने के बाद लुधवई टोल पर उसे दबोच लिया गया।

एएसआई का रिश्वत मांगने का अजीब तरीका

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एएसआई उदय सिंह ने शिकायतकर्ता से जमीन विवाद में अपने पक्ष में रिपोर्ट भेजने के एवज में 60,000 रुपये की मांग की। रकम की मांग को लिखित रूप देने के लिए उन्होंने करंज के पत्ते का उपयोग किया। उन्होंने परिवादी को चेतावनी दी कि जल्दी भुगतान करें, वरना मामला बिगड़ जाएगा।

परिवादी ने इस मामले की शिकायत एसीबी को की। एसीबी ने तुरंत मामले की गंभीरता को समझते हुए जाल बिछाने की योजना बनाई। राशि तय करने के लिए दोनों पक्षों ने 40,000 रुपये का सौदा तय किया और इसके बाद ट्रैप की योजना बनाई गई।

एसीबी की हाई-वोल्टेज कार्रवाई

एसीबी ने इस कार्रवाई के लिए एक कर्मचारी को साधु के वेश में भेजा ताकि आरोपी को किसी प्रकार का शक न हो। जैसे ही एएसआई ने तय राशि ली और भागने का प्रयास किया, टीम ने 25 किमी तक उसका पीछा किया। आखिरकार सेवर थाना क्षेत्र के लुधवई टोल प्लाजा पर उसे पकड़ लिया गया।

एसीबी के एडिशनल एसपी अमित सिंह ने बताया कि साधु के कपड़े पहने कर्मचारी की रणनीति ने आरोपी को फंसाने में अहम भूमिका निभाई। इस कार्रवाई से न केवल एएसआई की पोल खुली बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासन की गंभीरता भी सामने आई।

भ्रष्टाचार मामले का आरोपी गिरफ्तार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एएसआई उदय सिंह ने पहले 60,000 रुपये मांगे, लेकिन सौदा 40,000 रुपये पर तय हुआ। करंज के पत्ते पर लिखी गई राशि और साधु के वेश में जाल ने पूरी कार्रवाई को सफल बनाया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कस्टडी में ले लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है।

आरोपी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। एसीबी की यह कार्रवाई राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर संदेश के रूप में देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के हाई-वोल्टेज ट्रैप से आम जनता में भ्रष्टाचार के खिलाफ विश्वास बढ़ता है।

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