अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स (Betting Apps) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी जांच का दायरा और तेज़ कर दिया है। इस जांच की आंच अब बॉलीवुड और क्रिकेट की दुनिया तक पहुंच गई है।
एंटरटेनमेंट: भारत में तेजी से फलते-फूलते अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच का दायरा अब फिल्मी सितारों और क्रिकेट दिग्गजों तक पहुंच गया है। देश में बैन किए गए सट्टेबाजी ऐप्स—जैसे 1xBet, फेयरप्ले, परिमैच, और लोटस 365—के प्रचार में सहयोग करने के आरोप में अब तक बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, अभिनेत्री उर्वशी रौतेला, और पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, युवराज सिंह व सुरेश रैना से पूछताछ की जा चुकी है।
यह मामला केवल प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े लेन-देन और विज्ञापन फर्मों की भूमिका को लेकर भी कई परतें खुल रही हैं। ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रचार सिर्फ आम विज्ञापन नहीं थे, बल्कि कानून के दायरे से बाहर जाकर बैन प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने की सुनियोजित कोशिश थी।
क्या है पूरा मामला?प्रवर्तन निदेशालय की जांच का फोकस ऐसे सट्टेबाजी ऐप्स पर है, जो खुद को 'स्किल बेस्ड गेम्स' की आड़ में छिपा रहे थे, लेकिन असल में लकी ड्रॉ और बेटिंग एल्गोरिद्म्स के जरिए यूजर्स को धोखा दे रहे थे।इन ऐप्स के प्रचार में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से लेकर बड़े बॉलीवुड स्टार्स और पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर तक शामिल पाए गए हैं।
इन प्लेटफॉर्म्स के प्रमोशन में QR कोड्स, लिंक शॉर्टनर, और रिडायरेक्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया, जो यूजर्स को सीधे गैरकानूनी बेटिंग साइट्स पर ले जाता था।
स्टार पावर का इस्तेमाल
- ईडी अधिकारियों के अनुसार, इन ऐप्स ने भारत में लोकप्रियता पाने के लिए स्टार पावर का जमकर फायदा उठाया।
- सोनू सूद और उर्वशी रौतेला ने कई ऐसे विज्ञापन और वीडियो बनाए, जिनमें 1xBat और FairPlay जैसे ऐप्स को 'खेल' के रूप में पेश किया गया।
- इसी तरह, हरभजन सिंह, युवराज सिंह और सुरेश रैना भी ऐसे ब्रांड्स से जुड़े रहे, जिनका लिंक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बेटिंग से था।
- प्रचार सामग्री में स्टार्स को जीत के प्रतीक के रूप में दिखाया गया, जिससे युवा वर्ग इन ऐप्स की ओर आकर्षित हुआ।
ED की पूछताछ और अगला कदम
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने इन हस्तियों से पूछताछ कर उनके कॉन्ट्रैक्ट्स, पेमेंट ट्रांजैक्शंस और डिजिटल प्रमोशन रणनीतियों के बारे में जानकारी जुटाई है। एक अधिकारी के मुताबिक: ये सिर्फ ब्रांड एंडोर्समेंट नहीं था, बल्कि एक सोच-समझकर की गई रणनीति थी जिससे बैन ऐप्स को भारतीय बाजार में पैर जमाने का मौका मिला।
अब तक किसी भी स्टार ने आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। सोनू, उर्वशी, युवराज की टीमों ने चुप्पी साध रखी है, जबकि हरभजन और सुरेश रैना के प्रवक्ताओं ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
मीडिया हाउसेज़ भी ईडी की रडार पर
सिर्फ सितारे ही नहीं, बल्कि कुछ बड़े मीडिया संस्थानों और विज्ञापन एजेंसियों को भी नोटिस जारी किया गया है। ईडी का दावा है कि इन एजेंसियों को लगभग 50 करोड़ रुपये से अधिक की रकम ट्रांसफर की गई है ताकि सट्टेबाजी ऐप्स के विज्ञापन को प्राइम स्लॉट्स में जगह दी जा सके। इन विज्ञापनों ने कई हिंदी और अंग्रेजी न्यूज़ प्लेटफॉर्म्स, OTT बैनर्स और सोशल मीडिया फीड्स को अपनी चपेट में लिया।
ईडी की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी का बाजार 100 बिलियन डॉलर से अधिक का हो चुका है, जो हर साल लगभग 30% की दर से बढ़ रहा है। इन ऐप्स की पहुंच 22 करोड़ से अधिक भारतीय यूजर्स तक हो चुकी है। इनमें अधिकांश युवा वर्ग, बेरोजगार, गृहणियां और स्टूडेंट्स हैं, जो फंस कर अपना पैसा, आत्मविश्वास और कभी-कभी जिंदगी भी गंवा रहे हैं।
तेलंगाना हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में सट्टेबाजी ऐप्स से जुड़ी 1,000 से ज्यादा आत्महत्याएं दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा बेहद गंभीर है और देश में इस डिजिटल जुए के भयानक सामाजिक प्रभाव को दर्शाता है।